लखनऊ : काकोरी ब्लाक स्थित ग्राम पंचायत भलिया ने अपनी एक अलग गाथा लिखते हुए एक साल में विकास के नए कीर्तिमान गढ़ दिए हैं।
जब लगभग हर जगह के प्रधान ज्यादा काम न करना पाने का रोना रो रहे हैं ऐसे में भलिया में एक साल में हुए विकास कार्य उनके लिए प्रेरणा दायक साबित हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 2021में हुए पंचायत चुनावों को अब एक वर्ष बीत चुका है। और लगभग सभी प्रधानों ने, अपने पंचायत वासियों से बहुत से विकास कराने के वादे किए थे। इनमें से बहुतों ने अपनी पंचायत में कुछ न कुछ काम करवाए, कइयों ने कुछ ज्यादा काम करवाए तो कई प्रधानों ने कुछ कम।
ऐसे ही लखनऊ जिले के काकोरी ब्लाक स्थित भलिया पंचायत में बहुत से कार्य हुए हैं। ग्राम प्रधान छाया सिंह और उनके पति व प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह चौहान ने अपने विशेष प्रयासों से भलिया का नक्शा बदलने का प्रयास किया है।
भलिया पंचायत में आंगनबाड़ी का निर्माण करवाया गया है। और उसके कमरों में बेहद सुंदर टाइल्स और पेंट लगाया गया है
पंचायत भवन की मरम्मत कराकर उसे और दर्शनीय बनाया है। पंचायत के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में जैसा शौचालय का निर्माण करवाया है, ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है।
लगभग 200 मीटर आरसीसी रोड का निर्माण करवाया जो जवाहर मौर्या के घर से चंद्रवीर मौर्या के घर तक और मंजन रावत के घर से परसादी के घर तक के बीच बनी है।
सुरेन्द्र सिंह चौहान ने अपने प्रयासों से पंचायत में करीब 1.5 किलोमीटर नालियों का निर्माण करवाया है जो इस प्रकार हैं।
- रुक्मणि के घर से मदन नाई के घर तक,
- हरिशंकर के घर से फकीरे के घर तक,
- हरदेव के घर से गयाप्रसाद के घर तक,
- राजेश के घर से अशरफी के घर तक,
- रविन्द्र के घर से गंगाराम के घर तक,
- रामस्वरूप के घर से आर सी सी रोड तक,
- करन सिंह के घर से तालाब तक
इसके अलावा प्रधान छाया सिंह ने बताया कि उन्होंने जर्जर पड़े आंबेडकर सामुदायिक मिलन केन्द्र का जीर्णोद्धार करवाया है।
गांव में बहुत लोगों ने बताया कि सुरेन्द्र सिंह चौहान ने अपनी निजी धन से भी कई कार्य करवाए हैं जिसका पैसा उन्होंने सरकार से नहीं मांगा। ऐसे कामों में - मुन्ना हलवाई के घर से संतोष सिंह के घर तक 50 मीटर नाली निर्माण, सामुदायिक शौचालय का टैंक निर्माण, पंचायत भवन की पूरी वायरिंग !
इस एक साल में भलिया पंचायत में उल्लेखनीय कार्य तो बहुत हुए है पर समस्याएं और कमियां भी बहुत हैं। सबसे बड़ी समस्या आवासों की हैं, करीब 80 आवास पाने का इंतजार गांव वाले कर रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री जर्जर है, विद्यालय परिसर में इंटरलांकिग की आवश्यकता है। शमशान घाट नही है। सबसे बड़ी बात नल रिबोर और मरम्मत नहीं हो पा रहे है। इसके बारे में सुरेन्द्र सिंह चौहान का कहना हैं बजट की कमी के कारण कुछ काम नहीं हो पा रहे है, इनके लिए अनथक प्रयास किए जा रहे हैं।
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