पार्षदों के चार साल और वार्ड के प्रमुख विकास के काम! (तिलकनगर-कुंडरी रकाबगंजवार्ड, लखनऊ) सबसे युवा पार्षद का बेहतरीन रहा कार्यकाल

लखनऊ नगर निगम जनप्रतिनिधियों का चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस बार बहुत से पार्षदों ने अपने वार्डों में बहुत काम करवाए हैं, अपनी इस रिपोर्ट के जरिए हम ऐसे पार्षदों के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं। 

इस बार हम बात करेंगे तिलकनगर-कुंडरी रकाबगंज वार्ड की और यहां के पार्षद सादिया रफ़ीक की -


रिया सिंह की रिपोर्ट -

लखनऊ: तिलकनगर-कुंडरी  रकाबगंज वार्ड : समस्या समाधान के लगातार प्रयास में मौजूदा सबसे युवा पार्षद

जनता की मदद और राष्ट्र सेवा के उद्देश्य से राजनीति में आईं सादिया रफ़ीक निर्दलीय पार्षद हैं. वे वर्तमान में तिलकनगर-कुंडरी, रकाबगंज वार्ड-34 से बतौर पार्षद कार्यरत हैं. 

पत्रकारिता विषय से शिक्षा प्राप्त सादिया रफ़ीक राजनीति के क्षेत्र में सबसे युवा चेहरा हैं. उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तक शिक्षा प्राप्त की है. राजनीतिक पृष्ठभूमि से सम्बंध रखने वाली सदिया को राजनीति विरासत में मिली है तथा वह युवावस्था से ही सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी रही हैं. इसी कारण अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद क्षेत्र की सबसे युवा पार्षद चुनी गईं थीं.

सादिया रफ़ीक का बचपन से ही राजनीतिक क्षेत्र की ओर रूझान रहा है. जिसका कारण उनके पिता व भाई दोनों का ही राजनीतिक क्षेत्र से संबंध होना रहा है. उनके पिता वर्ष 1989 में सभासद व भाई वर्ष 2012 में पार्षद रह चुके हैं. इसके बाद 2017 के नगर निगर चुनाव में महिला आरक्षित सीट होने के कारण सादिया रफ़ीक ने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए चुनाव लड़ा था और अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी.

सादिया रफीक ने अपने क्षेत्र में बहुत विकास कार्य करवाए हैं, हर तरह से लोगों की मदद की है सभी तरह के सरकारी लाभ से लोगों को लाभान्वित करवाने का प्रयास किया है।
गलियों रास्तों का निर्माण, सफाई व्यवस्था, मार्ग प्रकाश व्यवस्था आदि को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम किया है।
बचे हुए कार्यकाल में छूटे हुए काम भी पूरे करवाए जाएंगे।
सादिया रफ़ीक के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में मंहगाई सबसे अहम मुद्दा है.निरंतर बढ़ रहे पेट्रोल व डीजल के दामों और बेरोजगारी से लोग काफी परेशान हैं.

इसके अतिरिक्त सरकार को शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार करने की आवश्यकता है. सादिया रफ़ीक का मानना है कि सरकार योजनाएं तो अच्छी लेकर आती है, किन्तु वह जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो पाती. कागज पर बनीं योजनाओं को ज़मीन पर उतारने में यदि बीच में अधिकारियों व ठेकेदारों द्वारा भ्रष्टाचार न किया जाए, तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता.


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