लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बड़ी राहत मिल गई है। उनके खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार रमन कश्यप समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। पत्रकार के भाई की तरफ से यह अर्जी दाखिल की गई थी।
पत्रकार के भाई ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सीजेएम कोर्ट में अर्जी दी गई थी। इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए 156(3) सीआरपीसी के तहत 9 नवम्बर को सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। तिकुनिया कोतवाली से आख्या तलब करते हुए सीजेएम चिंताराम ने सुनवाई के लिए 15 नवम्बर की तारीख मुकर्रर की थी।
तिकुनिया पुलिस की आख्या न आने की वजह से सुनवाई टल गई। इसके बाद 25 नवंबर की तारीख नियत की गई थी। 25 नवंबर को तिकोनिया पुलिस ने अपनी आख्या भेज दी लेकिन पवन कश्यप के अधिवक्ता ने बहस के लिए समय मांग लिया था। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए एक दिसम्बर की तारीख नियत की थी। अर्जी पर सुनवाई पहले ही पूरी हो गयी थी। सीजेएम चिंताराम ने अर्जी पर पवन कश्यप के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद आदेश के लिए 6 दिसम्बर की तारीख नियत कर दी थी। 6 दिसंबर को सीजेएम ने आदेश के लिए सात दिसम्बर की तारीख मुकर्रर की थी।
मंगलवार को आदेश सुनाते हुए सीजेएम ने अर्जी को खारिज कर दिया। तिकुनिया पुलिस ने अदालत को आख्या भेजकर बताया कि इस मामले की भी मुकदमा अपराध संख्या 219/2021 में विवेचना हो रही है। इसी आधार पर सीजेएम ने अर्जी खारिज कर दी।