सीतापुर: सिंधौली ब्लाक में अधिकतर नए प्रधान चुनकर आए हैं। कुछ पुराने भी जीतकर आए हैं। हमसे साक्षात्कार के दौरान लगभग सभी प्रधानों ने अपनी प्राथमिकताएं और पंचायत की समस्याएं हमें बताईं। प्रस्तुत है -
नयागांव पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान रेनू यादव शिक्षित व जुझारू महिला हैं। उनके पति शिवपाल यादव सरकारी सेवा में हैं। अपनी प्राथमिकताओं में प्रधान ने बताया कि हर जरूरतमंद व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना है, साथ ही शिक्षा सुधार उनके लिए एक मिशन की तरह है इस पर पूरा ध्यान देना है। साथ ही स्कूल भवनों का कायाकल्प करना है। पंचायत भवन जर्जर है और विकास का यह बुरा हाल है कि पूरी ग्राम सभा में एक भी आंगनबाड़ी भवन नहीं है। नाली खड़ंजों का बुरा हाल है। स्वच्छता अभियान के तहत दिए गए निजी शौचालय पता नहीं कहां गायब हो चुके हैं।
पंचायत वासियों ने बताया कि रेनू यादव के प्रधान बनने के बाद अब इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
परेवाजाल पंचायत बेहतरीन मिसाल है महिला सशक्तिकरण को ही कोई ऐसी पंचायत हो जहां महिलाएं जागरूक और जिम्मेदार हो (पदासीन)। नवनिर्वाचित प्रधान राधा जब चुनाव में थीं तो वोटिंग से दो-एक दिन पहले पति की मौत हो गई उसके बावजूद भी वे चुनाव लड़ी और जीती। उनके पति स्वगीर्य आशाराम क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति थे, समाजसेवी थे और किसान यूनियन के प्रदेश स्तरीय नेता थे।
प्रधान राधा अपनी पंचायत की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रही है और उनका साथ दे रही हैं उनकी बेटी रामदेवी। रामदेवी स्नातक डिग्री धारक बहुत जागरूक और कर्मठ महिला हैं, वे अपनी मां को पंचायत कार्यों में बेहतरीन सलाह देती हैं। साथ ही किसान यूनियन सीतापुर की जिला सचिव भी हैं। प्रधान राधा रामदेवी व पुत्र दिवाकर ने बताया कि पंचायत में बिना भेदभाव के विकास करवाना ही उनकी प्राथमिकता है। क्योंकि अब तक के प्रधानों ने सब अपने-अपने इलाकों में ही काम करवाया है इसके अलावा पंचायत घर का काम चल रहा है, सामुदायिक शौचालय अधूरा पड़ा है, कभी पहले आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कराया गया पर वह पंचायत को नहीं सौंपा गया, उसमें बड़ी-बडी घास खड़ी है। लगभग १०० के आसपास आवास बाकी है और बहुतों को शौचालय भी दिलाना है। प्रधान राधा की देखरेख में पानी की टंकी निर्माण हो रहा है।
पंचायत वासियों ने बताया कि दर्जनों लोगों के राशन कार्ड में नाम काट दिए गए। प्रधान का प्रयास है कि पात्रों को राशन व अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।
शिवरा के नवनिर्वाचित प्रधान अमरनाथ यादव उच्च शिक्षित जुझारू और समाजसेवी व्यक्ति हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हैं और अपनी पंचायत के लोगों की भरपूर सेवा करते रहते हैं। अमरनाथ यादव पढे लिखे डाक्टर व्यक्ति हैं इसलिए उनकी सोच अलग है, उनकी प्राथमिकताएं अलग हैं, वे चाहते हैं कि उनकी पंचायत में बेहतरीन पार्क हों, खेलकूद गतिविधियों के मैदान हों और बुजुर्गों के टहलने बैठने के लिए सुंदर स्थान हों, छात्रों के लिए एक इंटरकालेज हो। अमरनाथ यादव बहुत काम करवा रहे हैं। सामुदायिक शौचालय अधूरा है, पंचायत भवन बनवा रहे हैं, अन्य काम भी हो रहे हैं लेकिन विपक्षी लोग काम में बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं, सरकारी राशन वितरण के समय लोगों को परेशानी न हो इसके लिए अमरनाथ यादव शासन से प्रस्तावित चकमार्ग कोटेदार तक बनवा रहे थे लेकिन विपक्षी विरोध से काम में रुकावट आ गई।
(पंचायत वासियों और पूर्व की कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री के आगे कई अधिकारी और विभाग झुक गए, उस आंगनबाड़ी कार्यकत्री के सामने कई वर्षों से पिछले प्रधानों व बहुत अधिकारियों का कोई जोर न चल सका हार मान गए, नतीजतन शिवरा में बहुत विकास कार्य हो ही न सके।)
अमरनाथ यादव ने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं, बीसों साल से विकास नहीं हुआ, बहुत काम करना है और सभी काम प्राथमिकता से करवाने हैं।
बेरसापुर की प्रधान रामदेवी प्रथम बार प्रधान चुनी गई हैं। पंचायत का संपूर्ण विकास ही उनकी प्राथमिकता है। बेरसापुर पंचायत में पंचायत घर बहुत शानदार और बड़ी अच्छी जगह पर बन रहा है जिसकी दूर तक चर्चा है। सामुदायिक शौचालय आदि बन चुका है। रामदेवी का अपनी पंचायत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और खेल के मैदान बनवाने के लिए प्रयास है। इसके साथ नाली खड़ंजे रास्तों आदि को सुधरवाने के साथ ही पात्रों को सरकारी लाभ दिलवाएंगी।
चंदेसुआ के प्रधान डा.मुनेश्वर रावत को कौन नहीं जानता। दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं और क्षेत्र के बड़े नेता है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं और ब्लाक के सभी प्रधानों के संरक्षक हैं। उनके पुत्र देवप्रिय रावत उर्फ बबलू भी क्षेत्र के प्रसिद्ध नेता व कांग्रेस के जिला महामंत्री हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत घर का काम चल रहा है सामुदायिक शौचालय बन चुका है। आंगनबाड़ी भवन, शमशान घाट निर्माण का प्रस्ताव है, साथ ही उनकी विशेष प्राथमिकता बुजुर्गों को पेंशन, आवास आदि दिलाने की है। इसके अलावा सभी के लिए सड़क, लाइट आवास आदि योजनाएं लाना है। पानी की टंकी का भी प्रयास है।
रायपुर देवसिंह के प्रधान राधेश्याम एक कार्यकाल गैप के बाद वापस प्रधान चुने गए हैं। शिक्षित अनुभवी प्रधान हैं, उनके अनुसार पहले उन्होंने अच्छे कार्य किए तभी उन्हें लोग फिर से जिता कर लाए हैं। उनकी प्राथमिकता है कि सभी तरह के विकास कार्य शीघ्र ही कराएं जाएं। सभी सरकारी भवनों का रखरखाव, सभी पात्रों को आवास, शौचालय आदि योजनाएं दिलाने का प्रयास करेंगें।
बीरसिंहपुर पंचायत के नवनिर्वाचित प्रधान संतोष कुमार युवा कर्मठ और उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं। उनकी प्राथमिकता जिन गरीबों को राशन नहीं मिलता उनके राशन कार्ड बनवाना है। साथ ही वे पेयजल व्यवस्था सुधार और जो भी हैंडपंप खराब हैं उनकी मरम्मत और रिबोर करवाना चाहते हैं। संतोष कुमार कार्यकाल शुरू होते ही कइयों को आवास दिलवा चुके हैं, पंचायत भवन की मरम्मत करवा चुके हैं। आगे उन्हें लगभग 150 लोगों को आवास दिलवाना है और नाली खड़ंजों आदि की मरम्मत करवाना है।
हमीरपुर की नवनिर्वाचित प्रधान गुलाबा प्रथम बार प्रधान चुनी गई हैं वे और उनके पति शुभकरन रावत पंचायत में लोकप्रिय व्यक्ति हैं। विकास को लेकर उनके दृढ़ इरादों को देखकर ही लोगों ने उन्हें प्रधान चुना है। और इसके साथ साथ उन्हें पूर्व प्रधान अखिलेश कुमार मिश्रा का सहयोग, सलाह और आशीर्वाद है ही। शुभकरन रावत ने बताया कि प्रधान गुलाबा के कार्यकाल में पूर्व प्रधान अखिलेश का अनुभव और मार्गदर्शन बहुत काम आएगा। उन्होंने बताया कि पंचायत भवन लगभग पास हो चुका है, सामुदायिक शौचालय बन चुका है बाकी अन्य कार्यों की भी बेहतर शुरुआत की जा रही है। आगे वे आंगनबाड़ी भवन बनवाएंगे , अन्य सरकारी भवनों की मरम्मत के साथ नाली खड़ंजे रास्तों आदि पर भी काम करवाएंगे।
जयपालपुर पंचायत की प्रधान फूलमती यादव ने प्रधान बनते ही पंचायत की जिम्मेदारी संभाल ली है, हर संभव लोगों के काम कर रही हैं। प्रधान फूलमती के पति नंदराम यादव 2015 से पहले लगातार तीन बार प्रधान रहे हैं। नंदराम यादव क्षेत्र के जाने माने व्यक्ति हैं। नंदराम यादव ने बताया कि पिछले पांच सालों में पंचायत विकास को तरस गई, ढंग से कोई काम नहीं हुआ, नाली खड़ंजे रास्ते सब जर्जर हो गए हैं। प्रधान बनते ही उन्होंने पंचायत भवन की मरम्मत करवाई है, अधूरे सामुदायिक शौचालय को बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस दो साल में ही पंचायत कायाकल्प कर देंगे। उनकी मांग है कि सरकार को कुछ नए नल लगवाने का अधिकार भी प्रधानों को देना चाहिए ताकि वह नई बसी बस्ती में भी पीने के पानी की दिक्कत दूर कर सकें।
दक्खिनगांव पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान सीमा यादव पहली बार प्रधान चुनी गई हैं। उनकी प्राथमिकता सभी जरूरतमंदों को सरकारी लाभ दिलाने की है। उनके पति परमेश्वर यादव क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति और किसान यूनियन 'भानु' गुट के जिला महासचिव हैं। उनका प्रयास है कि आने वाले समय में पंचायत को विकास के सबसे ऊंचे स्थान पर ले जाया जाए। पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय पूर्ण करने के साथ पंचायत स्थित सभी सरकारी भवनों का सुधार और नाली, रास्ते, जलभराव आदि की दिक्कत दूर करवाएंगे।
कोड़रिया के नवनिर्वाचित प्रधान सुरेश कुमार उर्फ 'मास्टर' पहली बार प्रधान हुए हैं। सीधे सरल व उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं। अपने व्यवहार और काम से वे शिक्षक ही हैं तभी लोग उन्हें मास्टर कहते है। जब उन्हें लगा कि पंचायत को उनकी जरूरत है तो चुनाव लड़ प्रधान हो गए अब लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मिनी सचिवालय का काम चल रहा है, सामुदायिक शौचालय में कुछ बाकी है। अभी तक एक भी आंगनबाड़ी नहीं है जिसके प्रयास में मास्टर लगें हैं। इसके साथ ही उनका प्रयास है कि सभी मजरों में भी एक समान विकास पहुंचे। सुरेश मास्टर से पंचायत वासियों को बड़ी उम्मीदें हैं।
लहुरिबान में पट्टे प्रधान की जीत के पीछे उनके गुरू पूर्व प्रधान विजय वीर सिंह का आशीर्वाद है। पंचायत वासियों ने विजय वीर सिंह के आह्वान को सम्मान दिया है। पट्टे ने बताया कि पंचायत भवन, स्कूल आदि मरम्मत उनकी प्राथमिकता है साथ ही सड़क नालियां खड़ंजे आदि पर भी काम कराया जाएगा।
हीरपुर पंचायत में प्रतिज्ञा यादव को लोगों ने लगातार दूसरा मौका दिया है। वे और उनके पति वीरू यादव ने लगातार पांच साल तक लोगों के खूब काम किए, खूब विकास किया, ईमानदारी से प्रधानी की नतीजतन पंचायत वासियों ने उन्हें फिर से प्रधान चुन कर उनको ईनाम दिया है। प्रधान ने बताया कि जो भी कार्य अधूरे हैं या बाकी हैं उन्हें जल्द से जल्द शुरू करवा कर और पूरा करवा कर अन्य योजनाओं पर काम शुरू किया जाएगा।
(और बिल्कुल यही कहानी गुलरिहा पंचायत, वहां की प्रधान माया और उनके पति अवध नरेश यादव की भी है।
अनवरपुर ग्राम पंचायत के प्रधान अर्जुन अधूरे पड़े पंचायत भवन के साथ सभी सरकारी भवनों का कायाकल्प करना है, साथ ही करीब २०० लोगों को आवास दिलाना है, नाली खड़ंजा आदि ठीक करवाने है।
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