50 लाख डॉलर के इनामी को तालिबान ने बनाया गृह मंत्री, सरकार में UN घोषित कई आतंकी शामिल

 

वाशिंगटन। अमेरिका ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने वाले आतंकवादी संगठन तालिबान के कई नव-घोषित कैबिनेट सदस्यों की संबद्धता और ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ को लेकर चिंता जतायी है। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने स्पूतनिक को मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने गौर किया है कि नामों की घोषित सूची में विशेष रूप से कई ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो तालिबान के सदस्य हैं या उनके करीबी सहयोगी हैं और कोई महिला नहीं है। तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी नई सरकार के ऐलान के साथ मंत्रालयों का भी बंटवारा कर दिया है। 
 
अफगानिस्तान की नई तालिबानी सरकार में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी घोषित कर रखा है। 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने मंगलवार शाम अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान कर दिया। तालिबान ने सरकार में पुराने चेहरों को तरजीह दी है। अफगान की नई सरकार में कुल 33 मंत्री शामिल हैं। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है। वहीं मुल्ला बरादर और मौलवी हन्‍नाफी को उप प्रधानमंत्री का पद दिया गया है। बताया तो जा रहा है कि तालिबान के प्रमुख शेख हिब्दुल्लाह अखुंदजादा को सुप्रीम लीडर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
 
अफगान की नई सरकार में प्रधानमंत्री बनाए गए हसन वर्तमान में तालिबान की फैसले लेने वाली ताकतवर संस्था रहबरी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं। जो शीर्ष नेता के अप्रूवल के अधीन समूह के सभी मामलों को चलाने वाले सरकारी मंत्रिमंडल की तरह काम करता है। पाकिस्तान के द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, हेबतुल्लाह ने खुद सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुल्ला हसन के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसमें कहा गया था कि सरकार के गठन के संबंध में तालिबान के रैंक के भीतर के मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
 
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्ता की नई सरकार में शामिल कई मंत्रियों को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकियों की सूची में शामिल किया है। अफगानिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया मुल्ला हसन कंधार का रहने वाला है जो कि इस पूरे आंदोलन के संस्थापकों में से एक है। उसने करीब 20 साल कर रहबरी शूरा के प्रमुख के तौर पर काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह का करीबी बना रहा। साल 1996 से 2001 के दौरान अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान उसने विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के तौर पर भी काम किया था।
 
कुख्यात हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और प्रसिद्ध सोवियत विरोधी सिपहसालार जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री पद की कमान दी गई है। जबकि मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी नए विदेश मंत्री होंगे। बता दें कि सिराजुद्दीन हक्कानी एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी है। एफबीआई वेबसाइट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग हक्कानी की गिरफ्तारी के लिए सीधे सूचना देने के लिए 5 मिलियन अमरीकी डॉलर तक का इनाम दे रहा है। हक्कानी के बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में मिराम शाह क्षेत्र में रहता है और तालिबान और अल कायदा के साथ उसके काफी मजबूत संबंध हैं।
 
मुल्ला मोहम्मद हसन को तालिबान ने अफगानिस्तान की नई सरकार में कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद दिया है। इसके अलावा सिराज हक्कानी को गृह मंत्री बनाया गया है वहीं मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री और शेर अब्बास स्तानिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं खैरुल्ला खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। वहीं जबीउल्लाह मुजाहित को उप सूचना मंत्री की कुर्सी मिली है। अब्दुल हकीम अफगानिस्ता के नए न्याय मंत्री होंगे। कारी दीन हनीफ को अर्थव्यवस्था मंत्री का पद दिया गया है। वहीं मावलवी नूर मोहम्मद साकिबी को हज और धार्मिक मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्ति मिली है। मुल्ला नूरुल्ला नूरी को सीमा और जनजातीय मामलों के मंत्री बनाया गया है।
 
इसके अलावा तालिबान ने मुल्ला मोहम्मद यूनुस अखुंदज़ादा को ग्रामीण पुनर्वास और विकास मंत्री बनाया गया है। लोक कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी मुल्ला अब्दुल मनन ओमारीक को दी गई है। वहीं मुल्ला मोहम्मद एसा अखुंदी को खान और पेट्रोलियम के मंत्री बनाया गया है। मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर जल और ऊर्जा मंत्री होंगे। तो नागरिक उड्डयन और परिवहन के मंत्रालय की जिम्मेदारी मुल्ला हमीदुल्लाह अखुंदज़ादा को दी गई है।
 
इसके अलावा उच्च शिक्षा मंत्रालय अब्दुल बाकी हक्कानी को दिया गया है। तो दूरसंचार मंत्री नजीबुल्लाह हक्कानी को बनाया गया है। शरणार्थियों के मंत्री होंगे खलीलुरहमान हक्कानी। इसके अलावा अफगान सरकार में इंटेलिजेंस के निदेशक अब्दुल हक वासीक़ी होंगे तो सेंट्रल बैंक के निदेशक की जिम्मेदारी हाजी मोहम्मद इदरीसो को दी गई है। वहीं राष्ट्रपति के प्रशासनिक कार्यालय के निदेशक की जिम्मेदारी अहमद जान अहमदी निभाएंगे।