इस पंचवर्षीय में ज्यादातर नए प्रधान हुए हैं, जिन्होंने अच्छे कार्य किए थे उन्होंने फिर वापसी की है। आइए जानें उनकी विकास संबंधी समस्याएं और प्राथमिकताएं-
गदियाना के नवनिर्वाचित प्रधान अखिलेश बाजपेई उच्च शिक्षित, कर्मठ और समाजसेवी व्यक्ति हैं। पिछली पंचवर्षीय में वह प्रधान के सलाहकार व सहायक रहे थे इसलिए उनकी योग्यता को देखते हुए जनता ने उन्हें प्रधान चुना है। अखिलेश बाजपेई की प्राथमिकताओं में पंचायत के सभी प्रमुख कार्य हैं। उनकी कोशिश है कि गदियाना चौराहे से अंदर जाती सड़क को बनवाना। उक्त सड़क गन्ना समिति द्वारा बनाई जाती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सड़क पूरी तरह से टूट फूट गई है। इसके अलावा एक अद्भुत प्रयास के तहत अखिलेश बाजपेई विशेष तौर से गदियाना चौराहे पर पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु एक बड़ी आर ओ वाटर कूलर टंकी लगवाने जा रहे हैं।
मूड़ा खुर्द की नवनिर्वाचित प्रधान आरती देवी पहली बार प्रधान चुनी गई हैं। वे और उनके पति रंजीत यादव उच्च शिक्षित व समाजसेवी रहे हैं। उनकी प्राथमिकता मूड़ा में जर्जर पड़े पशु-चिकित्सालय को ठीक करवाना है, इसके अलावा पंचायत में एक विस्तृत शमशान घाट वह घुमंतू जनजाति के लोगों के लिए एक अलग शमशान घाट का निर्माण करवाना है। पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय आदि अधूरे पड़े हैं। साथ ही एनम सेंटर आदि सरकारी भवन मरम्मत के लिए हैं, रंजीत यादव सभी कार्य करवाने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं।
भदेड़ के नवनिर्वाचित प्रधान देवेन्द्र सिंह को प्रधानी आसानी से नहीं मिली बल्कि क ई वर्षों की मेहनत और जनसेवा की तपस्या का फल है। लोगों ने बताया कि पिछले बहुत सालों से पंचायत में समग्र विकास हुआ ही नहीं, जो भी प्रधान हुए उन्होंने या कार्य करवाए नहीं या जो करवाए भेदभाव पूर्ण करवाए। आवास, शौचालय आदि में बहुत धांधली हुई है। आलम यह है कि पंचायत भवन पूरी तरह जर्जर पड़ है और आंगनबाड़ी भवन तक नहीं है। देवेन्द्र सिंह ने कहा कि सभी विकास व जन उपयोगी योजनाएं उनकी प्राथमिकता है। इसके साथ वे पंचायत को जलभराव मुक्त कर नालियों रास्तों को ठीक करना चाहते हैं और पंचायत भवन आदि का नवीनीकरण कराना चाहते हैं।
शिवपुरी की प्रधान बाटू और उनके पति भोगनाथ नाई ने बताया कि उनका पूरा कार्यकाल सिर्फ मरम्मत करवाने में ही जाएगा क्योंकि पूरी पंचायत में लगभग सभी कार्य करवाने की आवश्यकता है। भोगनाथ नाई ने कहा कि है सब मगर सब वर्षों पुराना टूटा फूटा है। पंचायत वासियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में किसी तरह के कोई विकास कार्य कराए ही नहीं गये। लोगों की बाटू प्रधान से काफी उम्मीदें हैं।
गढ़ैया के लोग काफी खुश हैं कि आखिर प्रधान के रूप में उन्होंने बलराम सिंह को चुन लिया है। बलराम सिंह की प्राथमिकता अपने क्षेत्र में सभी विकास कार्य लाने की है, और सभी जरूरतमंदों को न्याय व लाभ दिलाने की है।
जगदेवपुर की नवनिर्वाचित प्रधान अंजुम निशां पहली बार प्रधान चुनी गई हैं। वे शिक्षित व समाजसेवी महिला के रूप में जानी जाती हैं। उनके पति मजीद खान और परिवार के बड़े भाई नसरत अली व अन्य सदस्य, सब के सब जनता से जुड़े हुए क्षेत्र में प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। मजीद खान ने कहा कि पंचायत में सरकारी भवनों, रास्तों, सफाई व्यवस्था आदि का काम शुरू कर दिया गया है, बाकी के कामों का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी सुविधाओं की कमी से लेकर जलभराव आदि समस्याओं से जनता त्रस्त है , सभी के राहत का प्रयास है।
बगिया खेड़ा के नवनिर्वाचित प्रधान छोटे सिंह युवा, उच्च शिक्षित और जुझारू व्यक्ति हैं। पहली बार प्रधान चुने गए हैं। जनता की हर समस्या को दूर करने की कोशिश करना और पंचायत में हर जन उपयोगी योजना को लाना उनकी प्राथमिकता है। नालियों खड़जों और गलियों की हालत बहुत खराब है, छोटे सिंह इन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने में लगे हैं, और वे इसमें सफल भी हो रहे हैं। सरकारी भवनों के निर्माण और मरम्मत के साथ सभी संभव विकास कार्य उनका संकल्प है।
लखहा भूड़ के नवनिर्वाचित प्रधान कलक्टर राज की प्राथमिकता अपनी पंचायत में जलनिकास को लेकर दो तीन पुलिया निर्माण करवाना है। पंचायत भवन का कार्य चल रहा है, सामुदायिक शौचालय नहीं है, आंगनबाड़ी भवन एक भी नहीं है जिसके लिए कलक्टर राज प्रयासरत हैं। इसके अलावा नालियों खड़जों रास्तों आदि को संवारना है।
करसौर पंचायत के प्रधान भगौती प्रसाद यादव और उनकी पंचायत के लोग इस समय एक ही विकराल समस्या से परेशान हैं और वह है नदी कटान और बाढ़ की समस्या से। चकपुरवा आदि गांव के साथ करसौर भी लगभग जलमग्न हो गए हैं। हर साल की समस्या है पर सरकार और प्रशासन मुंह मोड़े बैठे हैं। इसके अलावा पंचायत में आंगनबाड़ी भवन नहीं है, स्कूल की बाउंड्री गिर गई है, निजी शौचालय करीब 150 लोगों को नहीं दिए गए हैं।
रूरा सुल्तानपुर के नवनिर्वाचित प्रधान सोनेलाल को लोगों ने क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति जगजीत सिंह की समाजसेवा को देखते हुए प्रधान चुना है। जगजीत सिंह ने पंचायत की प्राथमिकताओं के बारे में बताया कि अधूरे पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन आदि का निर्माण करवाना है साथ ही पंचायत वासियों को करीब 200 निजी शौचालयों का लाभ दिलाना है जो उन्हें पात्र होने के बावजूद नहीं मिल सके। क्षेत्र की सबसे प्रमुख समस्या यहां भी नदी कटान और बाढ़ है जिससे कोरियाना सहित कई गांव उजड़ से गए हैं, लोगों की गुजर-बसर नहीं हो रही है, सरकार और प्रशासन बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। साथ ही पंचायत के लोगों पर शुद्ध पेयजल का संकट है, एक पानी की टंकी लगाए जाने की तुरंत जरूरत है। इस बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सैकड़ों लोगों के पास राशन कार्ड तक नहीं हैं, तहसील अधिकारी अगर ध्यान दें तो सभी को अन्न नसीब हो सकेगा। इसके साथ रूरा से लेकर जौंहरा तक का संपर्क मार्ग वर्षों से कच्चा पड़ा है, क्षेत्रीय विधायक, सांसद, जिला पंचायत सदस्य आदि के साथ संबंधित विभाग कानों में तेल डाले बैठे हैं। जगजीत सिंह ने कहा कि वे सभी समस्याओं के निदान हेतु हरसंभव प्रयास में लगे हैं।
पिपरिया गंगा की नवनिर्वाचित प्रधान अकविन्दर कौर और उनकी पंचायत का नाम इस वक्त पूरे ब्लाक में सुर्खियों में है। कारण यह कि उनकी पंचायत में अभी तीन महीनों में ही करीब डेढ़ करोड़ की राशि आ गई है। भले ही वह आवास के नाम पर आई है पर यह सच है कि पंचायत में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 38 और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 46 आवास दिए गए हैं, इसके अलावा भी अन्य कार्य चल रहे हैं। प्रधान अकविन्दर कौर के पति जसवीर सिंह उर्फ 'मिंटू' सच्चे जनसेवक हैं, पहले भी उनके सहयोग से प्रधानी संपन्न हुई है, इस बार तो उनकी पत्नी ही प्रधान हैं। उन्होंने बताया कि पंचायत में सभी विकास कार्य उनकी प्राथमिकता में हैं, जनता का हर कार्य उनकी प्राथमिकता है। मिंटू प्रधान ने बताया कि पंचायत में पेयजल शुद्ध नहीं है, जमीन से केमिकल युक्त पानी आ रहा है। वे पंचायत में पानी की टंकी लगवाने के लिए प्रयासरत हैं।
शाहपुर की प्रधान कविता गोस्वामी के परिवार में लगातार दूसरी बार प्रथानी आई है! पिछली बार उनके पति आकाश गिरि प्रधान थे। आकाश गिरि ने अपने कार्यकाल में बहुत विकास कार्य कराए थे, यही वजह है कि इस बार उनकी पत्नी कविता गोस्वामी को पंचायत वासियों ने बंपर वोटों से जिताया है। आकाश गिरि ने बताया कि लगातार विकास कार्य चलते रहेंगे, साथ ही ढकिया कलां, ढकिया खुर्द आदि गांवों में रास्तों, जलनिकास आदि समस्याओं को दूर करना है। आकाश गिरि का प्रयास है कि ँँ रसूखदारों के कब्जे से कृषि जमीनें खाली करा कर गरीबों को थोड़ी थोड़ी दी जाए ताकि उनकी भुखमरी दूर हो। यह एक जायज मांग है तहसील प्रशासन चाहे तो बहुत गरीबों का भला हो सकता है।
लखरावां के प्रधान कमलेश ने बताया कि वे अपनी पंचायत का सारा काम तंसीर खान के सहयोग और सलाह से कर रहे हैं। पंचायत वासियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों से क्षेत्र में विकास कार्य जैसे ठप हो गये थे, अब उन्हें तंसीर खान से उम्मीद है कि स्कूल आदि सरकारी भवनों के सुधार के साथ सभी नालियां रास्ते भी सुधर जाएंगे।
रायपुर पंचायत के प्रधान अतहर अली को पंचायत वासियों ने दूसरी बार चुना है। पहले वे 2010 - 15 के बीच प्रधान रह चुके हैं। अनुभवी, शिक्षित, जुझारू और व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं। अतहर अली की प्राथमिकता सभी पंचायत वासियों को न्याय व सरकारी जनुपयोगी योजनाओं का लाभ दिलाना है। सरकारी भवनों की मरम्मत के साथ बहुत रास्तों गलियों की मरम्मत वह जलभराव की समस्या से मुक्ति दिलाना, साथ ही हर पात्र को आवास, शौचालय आदि दिलाने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं।
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