थावर में फिर लौटा क्रांतिकारी सोच वाले अतुल कुमार सिंह का जमाना

लखनऊ: काकोरी ब्लाक के थावर पंचायत की नवनिर्वाचित प्रधान माधुरी सिंह पूर्व प्रधान अतुल कुमार सिंह की धर्मपत्नी हैं, उच्च शिक्षित हैं अंग्रेजी व अर्थशास्त्र में एम ए हैं, पूर्व शिक्षिका हैं। अतुल कुमार सिंह विकास प्रिय और न्याय प्रिय प्रधान व व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध हैं, उनकी प्रधानी कार्यकाल में ही थावर को आदर्श ग्राम की पहचान मिली थी। माधुरी सिंह अपने पति के पदचिन्हों पर चलते हुए थावर को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

बातचीत के दौरान अतुल कुमार सिंह ने कहा कि विकास कार्य तो अधिक से अधिक लाए ही जाएंगे पर सरकारों ने प्रधानों के अधिकारों को कम नहीं करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के समय में ऐसा नियम था कि पंचायतकर्मियों जैसे रोजगार सेवक, सफाईकर्मी आदि को प्रधान के दस्तखत के बाद ही तनख्वाह मिलती थी, पर अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है जिसका असर यह हुआ कि पंचायतकर्मियों ने प्रधान की अनदेखी कर मनमानी शुरू कर दी। उनकी मांग है कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, सफाईकर्मी, आशा, एनम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि पंचायतकर्मियों को सीधे प्रधान के अधीन होना चाहिए और उनकी तनख्वाह पंचायत के जरिए जारी होनी चाहिए ताकि उनसे उनकी जिम्मेदारी के अंतर्गत आते कार्य तय समय में करवाए जा सकें। उनका कहना है कि इस व्यवस्था में प्रधान सिर्फ नाम का है, उसे आदेश देने का अधिकार ही नहीं रहा इसलिए हर कोई बस अपनी मनमानी कर रहा है। ऐसे किसी गैरजिम्मेदार की शिकायत प्रधान करता भी है तो संबंधित अधिकारी सिर्फ टालमटोल का रवैया अपनाते हैं। एक और विशेष बात पर उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि पंचायत सचिव गांवों में न के बराबर आते हैं जबकि वे पंचायत के कर्मचारी हैं, प्रधान के सहायक हैं, उन्हें पंचायत में बैठ कर ड्यूटी करनी चाहिए तो वे ब्लाक में बैठे रहते हैं, पंचायत सचिव कम-से-कम दो दिन तो पंचायत में बैठे, गांव वासियों को बहुत काम होते हैं सचिव से।

अतुल कुमार सिंह ने यह भी कहा कि प्रधान के अपनी मर्जी से कार्य खर्च की रकम दो लाख से बढ़ाकर दस लाख करनी चाहिए, और दस लाख से ज्यादा काम के प्रस्ताव को ब्लाक स्तर से ही तत्काल मंजूरी मिलनी चाहिए। होता यह है कि 'यह प्रस्ताव जिला मुख्यालय से पास कराना होगा' कहकर बस प्रधान का शोषण किया जाता है।
पूर्व प्रधान ने कहा कि अफसोस कि प्रधान संघ भी बस नाम के ही हैं, वे प्रशासन पर इतना दबाव नहीं बना पाते कि ग्राम प्रधान की गरिमा लौटे। बहरहाल उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे। 
अंत में अतुल कुमार सिंह ने कहा कि अब थावर में उनकी पत्नी प्रधान हैं तो वे इन मांगों और संघर्षों को जारी रखेंगे।