कानपुर का ब्रिटिश काल में बना गंगापुल अनिश्चितकालीन के लिए बंद, कभी गुजरती थी अंग्रेजों की सेना

 

पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि टीम ने पिलरों के बाहरी हिस्से को देखा है. यह अंदरूनी रूप से और भी कमजोर हो सकता है.

कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में शुक्लागंज को जोड़ने वाले पुराना गंगापुल (Gange Bridge) अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है. ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित पुल की मियाद खत्म हो चुकी है. इसके बाद भी पुल पर भारी वाहनों का गुजरना जारी था. इससे पुल के सभी पिलर की बेल्ट खुलने के साथ उसमें दरारें पड़ने लगीं थी. गंगापुल के लिए गठित जांच कमेटी के सदस्यों का मानना है कि 15 दिन भी पुल पर वाहनों का आवागमन हुआ तो पुल गिर जाएगा. कमेटी की रिपोर्ट पर डीएम ने शुक्रवार को शुक्लागंज व कानपुर की ओर से आने वाले रास्ते पर दीवार चुनवा कर पुल को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है.

पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि टीम ने पिलरों के बाहरी हिस्से को देखा है. यह अंदरूनी रूप से और भी कमजोर हो सकता है. इसलिए आईआईटी के साथ ही सीआरआरआई (सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) को पत्र लिखा जाएगा. विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट के बाद फैसला लिया जाएगा. बता दें कि गंगा किनारे बसे औद्योगिक शहर कानपुर के एक छोर पर बने शुक्लागंज पूल का निर्माण ब्रिटिश शासन काल में हुआ था. इस पुल को बनने में 6 वर्ष का समय लगा था. जिसके बाद से कानपुर से अंग्रेजों की सेना और अधिकारी इस पुल का इस्तेमाल कोलकाता जाने के लिए किया करते थे.
ब्रिटिश कार्यकाल में बने इस पुल की देखरेख में कहीं ना कहीं लापरवाही होती रही जिसका परिणाम है कि पुल के बने पिलर अब जर्जर हो चुके हैं. अगर टेक्निकल टीम की बात की जाए तो इसकी मियाद अब पूरी हो चुकी है. अब यह वाहनों का बोझ नहीं उठा सकता और खासकर भारी वाहनों का जिस की गंभीरता को देखते हुए पुराना गंगापुर अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है.