Rajasthan Day: आज ही के दिन 22 रियासतों को मिलाकर राजपूताना बना था राजस्थान

 

 विभिन्न रियासतों और ठिकानों से मिलकर राजस्थान के स्वरूप में आया राजपूताना का इतिहास बेहद समृद्ध और गौरवशाली है. आज के दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है.

जयपुर. आज राजस्थान दिवस है. 1949 में आज ही के दिन 22 रियासत को मिलाकर राजपूताना राजस्थान के रूप में सामने आया था. इसके एकीकरण में करीब 8 साल 7 महीने 14 दिन का समय लगा था. क्षेत्रफल के लिहाज से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है. जनसंख्या के लिहाज से राजस्थान देश का सातवां सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान के स्थापना दिवस पर आज राष्ट्रपति और सीएम से लेकर कई गणमान्य लोगों ने प्रदेशवासियों को शुभकामनायें प्रेषित की हैं.

राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ था. विभिन्न चरणों में अलग-अलग रियासतें जुड़ती गईं. अंतिम चरण में जोधपुर, जयुपर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय हुआ. इससे राजस्थान बना और उसे 30 मार्च 1949 को इसे राजस्थान का नाम मिला. इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है. आजादी के पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था. पूरे राजपूताना में 19 रियासतें और 3 ठिकाने थे.

सरदार वल्लभ भाई पटेल ने निभाई थी अहम भूमिका
रियासतों के शासकों की मांग थी कि उनकी रियासत को 'स्वतंत्र राज्य' का दर्जा दे दिया जाए. 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में 1 नवंबर 1956 को पूरी हुई. इसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और उनके सचिव वीपी मेनन की भूमिका महत्वपूर्ण निभाई थी. 22 रियासतों और ठिकानों में से एक रियासत अजमेर मेरवाड़ा प्रांत को छोड़कर सभी पर देशी राजा-महाराजाओं का ही राज था. अजमेर-मेरवाड़ा प्रांत पर अंग्रेजों का कब्जा था. इस कारण यह सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ गई थी, लेकिन शेष 21 रियासतों का विलय कर ‘राजस्थान' बनाया जाना था.

कर्नल जेम्स टॉड की रचना में राजस्थान शब्द का प्रयोग
इंग्लैंड निवासी जेम्स टॉड वर्ष 1817-18 में पश्चिमी राजपूत राज्यों के पॉलिटिकल एजेंट बन कर उदयपुर आए थे. उन्होंने 5 वर्ष तक राजस्थान की इतिहास-विषयक सामग्री एकत्र की और अपने वतन इंग्लैंड जा कर वर्ष 1829 में इसे एक पुस्तक के रूप में पिरोया. उनकी इस रचना में ही सर्वप्रथम 'राजस्थान' शब्द का प्रयोग हुआ. कर्नल जेम्स टॉड को राजस्थान के इतिहास-लेखन का पितामह माना जाता है.