अजवाइन का इस्तेमाल मसाले के तौर पर तो किया जाता ही है, इसके अलावा इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है। जब भी पेट में किसी तरह की कुछ गड़बड़ होती है तब भी इसे घरेलू नुस्खे के रूप में गुनगुने पानी के साथ सेवन करते हैं।
आजकल ज्यादातर लोग अपनी सेहत को लेकर चिंतित रहते हैं। इसके लिए वो खानपान से लेकर योग या व्यायाम तक सहारा लेते हैं। लाइफस्टाइल में हर छोटे से छोटे बदलाव कर हम खुद को सेहतमंद बनाएं रख सकते हैं। बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोग पहले से ही अपनी सेहत को चिंतित थे ही कि कोरोना वायरस महामारी इस चिंता को और ज्यादा बढ़ा कर रख दिया है। ऐसे में जो लोग अपनी सेहत पर खासा ध्यान नहीं देते थे उन्होंने भी खुद के खानपान से लेकर रहन-सहन में बदलाव कर दिए हैं, जिससे कि वो इस गंभीर वायरस की चपेट में आने से बच सके।
वहीं, चिकित्सकों के अनुसार सेहतमंद रहने के लिए इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र का मजबूत होना काफी जरूरी है। इसके कमजोर होने से मधुमेह, दिल संबंधित रोग, मोटापा, अस्थमा और ब्लड प्रेशर जैसी समस्या होती है और इससे कोरोना वायरस होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारे फेफड़ों पर भी बेहद खराब असर पड़ता है, जिससे फेफड़ों से संबंधित रोग हो सकते हैं। इसलिए हमें अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं रखने के साथ-साथ अपने फेफडों को भी स्वस्थ रखना चाहिए। इसके लिए आज हम आपको कुछ खास मसालों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं, आइए जानते हैं...
फेफड़ों का कार्य
ये तो आप जानते ही होंगे कि फेफड़े हमारे शरीर के अहम अंगों में से एक है। इसका कार्य सांस को ब्लड परिसंचरण तक पहुंचाने और ब्लड से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर सांस के जरिए बाहर निकालने का होता है। बता दें कि रक्त परिसंचरण के 3 अंग रक्त वाहिनियां, रक्त और हृदय होते हैं। शरीर के हर अंग का सही तरह से कार्य करने के लिए फेफड़ों का सही रहना जरूरी होता है।
हल्दी
हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसे संजीवनी बूटी के जैसा माना जाता है। इससे कई तरह के रोगों से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने का कार्य करते हैं। इसके अलावा ये एंटी वायरल होने के कारण हमारे फेफड़ों को संक्रमण से बचाव करने में मदद करता है। इसलिए हमें अपने भोजन में हल्दी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। आप चाहें तो रोजाना दूध में हल्दी मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। ये आपके फेफड़ों को सेहतमंद बनाएं रखने के साथ-साथ हमारे शरीर को अन्य तरह के रोगों से भी बचा सकता है।
अजवाइन
अजवाइन का इस्तेमाल मसाले के तौर पर तो किया जाता ही है, इसके अलावा इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है। जब भी पेट में किसी तरह की कुछ गड़बड़ होती है तब भी इसे घरेलू नुस्खे के रूप में गुनगुने पानी के साथ सेवन करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सांस के मार्ग को आराम पहुंचाने के साथ-साथ फेफड़ों को साफ करता है। इसके सेवन से सूजन को भी कम किया जा सकता है। इसे भोजन में मसाले के तौर पर इस्तेमाल करने से गैस की समस्या से भी बचा जा सकता है। इसलिए आपको अपने भोजन में अजवाइन को जरूर शामिल करना चाहिए।
ऑरेगैनो
आजकल पिज्जा, पास्ता या मोमोस पर ऑरेगैनो को डालकर उसके स्वाद को बढ़ाया जाता है। हालांकि, ये कम ही लोग जानते हैं कि अजवाइन की पत्तियों का अंग्रेजी में ऑरेगैनो कहा जाता है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स, बायोएक्टिव कंपाउंड पॉलीफेनोल्स और एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं। जिससे हिस्टामिन कम होता है जोकि सूजन के कारण होती है। इसके अलावा ये कई तरह के रोगों और संक्रमण से बचाव करने के लिए भी काफी मददगार साबित होता है। इससे फेफड़ों को भी सेहतमंद बनाएं रखने में मदद मिलती है। ऑरेगैनो को इटली में औषधि के तौर पर काफी इस्तेमाल किया जाता है। इससे होने वाले कई तरह के लाभ पाने के लिए आपको अपने भोजन में इस मसाले का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
मुलेठी
भारतीय रसोई में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे सर्दी, श्वसन संबंधी समस्याओं और खांसी को दूर किया जा सकता है। इसमें कंपाउंड मौजद होता है, जो फेफड़ों में जमे बलगण को निकालने का कार्य करता है। भोजन में इस मसाले का इस्तेमाल कर फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
थाइम
दुनियाभर के भोजन में थोइम का इस्तेमाल किया जाता है। ये एक ग्रीन हर्ब है। जिसमें एंटीऑक्सीडेंट, ल्यूटोलिन और एपिगेनिन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। इसके सेवन से शरीर में हो रही सूजन को कम किया जा सकता है। इसे श्वसन नली को राहत मिलती है, साथ ही ये फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित है।
गिलोय
आयुर्वेद में गिलोय को रसायन माना जाता है जोकि सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। इसके सेवन से कई तरह के रोगों से बचा जा सकता है। ये हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के अलावा फेफड़ों को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण सूजन को कम करने का कार्य करता है।