पंचायत चुनाव 2021: अजीबोगरीब आपत्तियां लेकर पहुंच रहे दावेदार, अधिकारी भी हैरान

 

उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जारी आरक्षण सूची पर आपत्तियां दर्ज की जा रही हैं. 8 मार्च तक आपत्तियां ली जाएंगी.

उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Gram Panchayat Chunav 2021) के लिए अभी से ही दावेदार अपने- अपने क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं. वहीं, इस बार आरक्षण सूची (Reservation List) ने राजनीति पंडितों का सारा खेल बिगाड़ दिया है. ऐसे में आरक्षित सीटों के सामान्य प्रत्याशियों के सामने संकट खड़ा हो गया है. आखिर वे अब किस सीट से चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में आरक्षण से मात खाए दावेदार अब विकल्पों की तलाश में जुट गए हैं. वहीं, कई दावेदार आपत्ति दर्ज (Objected) कराने में जुट गए हैं.

यही वजह है कि गुरुवार सुबह मेरठ स्थित विकास भवन में ग्राम पंचायत आरक्षण को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे एक दावेदार की आपत्ति ने डीपीआरओ कार्यालय के कर्मचारियों को चकित कर दिया.  दावेदार का कहना था कि इस बार उनके गांव को एससी महिला में आरक्षित कर दिया गया है. जबकि, गांव में एससी वर्ग के करीब पचास परिवार रहते हैं. वहीं, एक भी परिवार अपने घर की महिला को ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ाना लड़ाने में रुचि नहीं रखता है.

प्रशासन के सामने नई चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं
साथ ही वह दावेदार ने कहा कि इस बात को साबित करने के लिए वह शपथ पत्र भी देने के लिए तैयार है. ऐसे में प्रशासन से गुजारिश है कि उनके गांव का आरक्षण बदलकर सामान्य कर दिया जाए. ऐसे ही परीक्षितगढ़ ब्लाक क्षेत्र के एक गांव निवासी दावेदार ने बताया कि उनके गांव को ओबीसी महिला में आरक्षित किया गया है, जबकि गांव में ओबीसी वर्ग के गिनती के ही परिवार हैं. यहां भी कोई ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए इस गांव का भी आरक्षण बदला जाए.  ऐसे में प्रशासन के सामने नई चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं.