महराजगंज। सिसवा के प्राथमिक विद्यालय बिंदवलिया की शिक्षामित्र नीलू श्रीवास्तव अपने दो विद्यालयों के कार्यकाल में सौ ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ चुकी हैं। बच्चों से व्यक्तिगत तौर पर जुड़कर उन्हें संस्कारयुक्त शिक्षा दे रही हैं। गरीब बच्चियों को उच्च शिक्षा के लिए अपने स्तर से मदद करती हैं। मूलतः लखनऊ की रहने वाली नीलू श्रीवास्तव की प्राथमिक शिक्षा सिसवा से ही हुई है। वर्ष 2002 में नीलू श्रीवास्तव की तैनाती शिक्षामित्र के रूप में प्राथमिक विद्यालय बीजापार में हुई। उस समय बीजापार विद्यालय में 60 बच्चों का दाखिला था, लेकिन बहुत कम बच्चे पढ़ने आते थे। स्कूल छोड़कर इधर-उधर घूम रहे बच्चों को देख नीलू ने उन्हें दोबारा विद्यालय पहुंचाने की कोशिशें शुरू की। उनके प्रयास से बच्चों की संख्या डेढ़ सौ हो गई। वर्ष 2014 में समायोजन के बाद प्राथमिक विद्यालय (इंग्लिश मीडियम) बिंदवलिया में सहायक अध्यापक के पद पर नीलू की तैनाती हुई,
लेकिन 2017 में एक बार फिर से नीलू शिक्षामित्र बन गई। इस दौरान भी ड्रॉप आउट बच्चों को विद्यालय वापस लाने की उनकी कोशिशें जारी रहीं। दोनों विद्यालयों को मिलाकर स्कूल छोड़ चुके सौ से अधिक बच्चों को वह दोबारामुख्य धारा में शामिल कर चुकी हैं। अभिभावकों को बच्चियों को पढ़ाने के लिए जागरूक करती हैं। गरीब बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए वह जरूरत पर मदद भी करती हैं।