मंदिरों के चक्कर और दरगाह से दूरी? तो क्या हिंदुत्व की ओर बढ़ रहे अखिलेश यादव!

 

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की इस बदली हुई सियासी रणनीति का इशारा तब मिला जब वह मिर्ज़ापुर के दो दिवसीय दौरे पर कार्यकर्ता प्रक्षिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022  की तैयारी में जुटे समाजवादी पार्टी  के राष्टीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  इन दिनों मंदिरों के चक्कर तो खूब लगा रहे है, मगर दरगाह जाने से बचते नजर आ रहे है. सपा सुप्रीमो की इस बदली हुई सियासी रणनीति का इशारा तब मिला जब वह मिर्ज़ापुर के दो दिवसीय दौरे पर कार्यकर्ता प्रक्षिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये. इस दौरान वह विंध्याचल में स्थित मां विंध्यवासनी मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे. वहां पर उन्होंने विधिवत मां विंध्यवासनी का दर्शन पूजन किया. लेकिन  पास ही कंतित शरीफ के नाम से प्रसिद्ध मुसलमानों के हजरत ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की दरगाह पर वह नहीं गए. जबकि दरगाह पर अखिलेश यादव के आने को लेकर पूरी तैयारी थी. मुस्लिम समाज के लोग फूल, बुके और दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर लेकर सपा सुप्रीमो का इंतजार करते रहे. इसके लिए दरगाह को सजाया भी गया था.

अखिलेश यादव के दरगाह नहीं पहुंचने पर मुस्लिम समाज के लोग निराश दिखे. बता दें कि विंध्याचल में किसी भी पार्टी के बड़े नेता जब भी विंध्याचल मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आते हैं तो वे मंदिर के बाद दरगाह पर चादर पोशी करना नहीं भूलते. इससे पहले काग्रेस पार्टी से राहुल और प्रियंका गांधी भी यहां आ चुकी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे पहले पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी आ चुकी है. सपा से शिवपाल यादव भी आ चुके है. स्थानीय लोग इसे अखिलेश यादव का ही दुर्भाग्य बता रहे हैं. उनका कहना है कि आगामी  चुनाव में इसका उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा सकता है.

दरगाह पर लोग करते रहे अखिलेश का इंतजार 
खास बात तो यह रही कि अखिलेश यादव ने अपने दौरे की शुरुआत ही चुनार के सत्तेसगड़ आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज से मुलाकात के बाद किया. इसके बाद वह पहली बार विंध्याचल में मां विंध्यवासनी के दर्शन पूजन के लिए भी पहुंचे. मगर कंतित दरगाह न पहुंचना कई सवाल खड़े कर रहा है. मस्जिद के देखरेख करने वाले अयूब शाह बताते है कि सपा पार्टी की ओर से हम लोगों को मालूम हुआ. हमारे कैलाश चौरसिया जो पूर्व राज्य मंत्री हैं उन्होंने बताया था की दरगाह शरीफ पर दर्शन करने पूर्व  मुख्यमंत्री आएंगे. हमने उनके इस्तकबाल के लिए पूरी तैयारी की. बहुत इंतजार किया, लेकिन उनका आना नहीं हुआ. शनिवार सुबह मालूम हुआ कि आज आएंगे, लेकिन आज भी नहीं आए.  इससे सभी के मन में निराशा है.