कोवैक्सीन भी पूरी तरह सुरक्षित, लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए मंजूरी नहीं- एम्स निदेशक

 

कोवैक्सीन (Covaxin) को भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बना रही है. इस वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज़ की मंजूरी मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने इन सभी सवालों का जवाब दिया है.

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बढ़ते प्रकोप (Coronavirus New Strain) के बीच दुनिया के 16 देशों में वैक्सीनेशन का प्रोसेस शुरू हो चुका है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए दो वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. ये दो वैक्सीन हैं- कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin). कोविशील्ड ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का भारतीय संस्करण है. वहीं, कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है; जिसे हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने बनाया है. इसे 'स्वदेशी वैक्सीन' भी कहा जा रहा है.


कोविशील्ड को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी बना रही है. वहीं, कोवैक्सीन को भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बना रही है. इन दोनों वैक्सीन के कई ट्रायल अभी बाकी हैं, लेकिन इससे पहले ही इसे भारत सरकार की मंजूरी मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. कोवैक्सीन का तो तीसरे फेज के ट्रायल का रिजल्ट ही नहीं आया है, फिर भी इसे अनुमति दिए जाने से कांग्रेस पार्टी समेत कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में News18 ने अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ, रणदीप गुलेरिया से कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लेकर तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश की.