महाराष्ट्र में मौजूद है दूसरा ताजमहल, जानिए इसके बारे में

यह बात को पूरी दुनिया जानती हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन बीबी का मकबरा भी शाहजहां के वंशज द्वारा ही तैयार किया गया था। बीबी के मकबरे को शाहजहां के पोते आजम शाह ने अपनी मां की याद में बनवाया था।




ताजमहल को लोग प्यार की निशानी के रूप में देखते हैं। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को पूरी दुनिया से लोग देखने के लिए आते हैं। ताजमहल को लेकर एक कहानी यह भी प्रचलित है कि शाहजहां ने ताजमहल बनने के बाद उसे बनवाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए थे, ताकि ऐसी इमारत फिर से ना बनाई जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ही ताजमहल की तरह दिखने वाले दूसरी इमारत है और इसे हाल फिलहाल में नहीं बनाया गया, बल्कि इसे शाहजहां के वशंज द्वारा ही बनवाया गया था। जी हां, यह इमारत है बीबी का मकबरा। महाराष्ट्र राज्य में मौजूद इस बीबी के मकबरे को देखते ही आगरा के ताजमहल की याद आ जाती है। तो चलिए जानते हैं इस बीबी के मकबरे के बारे में−


शाहजहां के वंशज ने ही बनवाया बीबी का मकबरा


यह बात को पूरी दुनिया जानती हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। लेकिन बीबी का मकबरा भी शाहजहां के वंशज द्वारा ही तैयार किया गया था। बीबी के मकबरे को शाहजहां के पोते आजम शाह ने अपनी मां की याद में बनवाया था। आजम ने इसे 1651 से 1661 ईसवीं के बीच तैयार करवाया था। आजम अपनी मां दिलरास बानो बेगम के काफी करीब थे और उन्होंने इसे बीबी का मकबरा नाम दिया। जहां ताजमहल आगरा में स्थित है, वहीं बीबी के मकबरे को देखने के लिए आपको महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जाना होगा।


ताजमहल की ही है रेप्लिका


बीबी का मकबरा वास्तव में ताजमहल की ही रेप्लिका है, क्योंकि आजम ने इसे ताजमहल से प्रेरित होकर की बनवाया था। लेकिन बीबी के मकबरे और ताजमहल में कई समानताएं होने के बावजूद भी वह ताजमहल से काफी अलग है। बीबी का मकबरा पहली नजर में बिल्कुल ताजमहल जैसा ही नजर आता है, लेकिन फिर भी यह पूरी तरह से उसकी कॉपी नहीं है। उदाहरण के तौर पर, आगरा का ताजमहल पूरी तरह से सफेद संगमरमर की मदद से बनाया गया था, जबकि बीबी के मकबरे को तैयार करते समय सिर्फ गुम्बद में ही संगमरमर का प्रयोग किया गया और अन्य हिस्से को प्लास्टर की मदद से तैयार किया गया। इतना ही नहीं, बीबी के मकबरे को बनाने का खर्च भी ताजमहल के मुकाबले काफी कम आया था।