रंग ला रही है येदियुरप्पा की मेहनत! कोरोना की लड़ाई में सबसे आगे कर्नाटक, ये है असली वजह

Coronavirus Cases in Karnataka: अगर प्रति 10 लाख लोगों की बात की जाए तो दूसरे मेट्रो शहरों के मुकाबले बेंगलुरु में बेहद कम केस है.



बेंगलुरु. शनिवार की सुबह बेंगलुरु के आसमान में बादल छाये थे. मौसम ठंडा था. इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा  सुबह के नाश्ते के लिए मशहूर मवाल्ली टिफिन रूम पहुंचे. जिसे लोग MTR के नाम से जानते हैं. येदियुरप्पा के साथ राजस्व मंत्री आर अशोका और बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या भी थे. यहां पहुंच कर ये सब लोगों तक संदेश पहुंचाना चाहते थे कि कोरोना वायरस  के दौरा में अगर आप पूरी सुरक्षा से निकलते हैं तो फिर आपको कोई खतरा नहीं है.

नीति आयोग ने की तारीफ
कुछ घंटों के बाद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कोरना वायरस के संक्रमण के खिलाफ कर्नाटक की तरफ से उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की. उन्होंने कहा, 'अगर प्रति 10 लाख लोगों की बात की जाए तो दूसरे मेट्रो शहरों के मुकाबले बेंगलुरु में बेहद कम केस है. हर कन्फर्म केस के बाद यहां 47 कॉन्टैक्ट को ट्रेस किया गया. जबकि दिल्ली में ये संख्या सिर्फ 2.1 है. इतना ही नहीं कर्नाटक ने इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले लोगों के भी बड़ी संख्या में कोरोना टेस्ट करवाये.'


कर्नाटक में कम हैं कोरोना के मरीज

सरकार के आंकड़े दिखाते हैं कि दूसरे राज्यों के मुकाबले कर्नाटक ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए शानदार काम किया. शनिवार तक कर्नाटक में कोरोना के 6516 मरीज थे. जबकि इस खतरनाक वायरस से राज्य में 79 लोगों की मौत हुई है. इतना ही नहीं अब तक 3440 लोग ठीक भी हो चुके हैं. कर्नाटक में मौत की दर सिर्फ 1.2 है.


ऐसे लगा वायरस के संक्रमण पर लगाम
कर्नाटक में कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है बड़ी संख्या में लोगों के कॉनटैक्ट को ट्रेस करना. इसका अलाव बड़े पैमाने पर कोरोना की टेस्टिंग. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक स्टडी के मुताबिक दूसरों के सम्पर्क में आने वाले लोंगो की सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट कर्नाटक में हुई है. कर्नाटक में 22 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच कोरोना मरीजों के सम्पर्क में आने वाले 93 लोगों की औसतन टेस्ट हुए. जबकि देश में ये संख्या सिर्फ 20 है.

CM येदियुरप्पा ने किया कमाल!
78 साल के सीएम येदियुरप्पा की हर तरफ तारीफ हो रही है. यहां तक की विपक्ष के लोग भी उनकी सरहाना कर रहे हैं. लॉकडाउन से पहले ही येदियुरप्पा ने प्लानिंग शुरू कर दी थी. यही वजह है कि कर्नाटक में कड़ाई से लॉकडाउन का पालन किया गया. पहले दिन से ही वो कोरोना को लेकर सारी जानकारियां जनता और मीडिया तक पहुंचाने रहे. इतना ही नहीं उन्होंने विपक्षी पार्टियां कांग्रेस और जेडीएस के साथ भी कोरोना को लेकर दर्जनों मीटिंग की. इतना ही नहीं कोरोना की समस्या को सुलझाने के लिए येदियुरप्पा हर दिन कई लोगों से बातचीत करते हैं.