वास्तव में मदद करना है तो लखनऊ बसें भेजे कांग्रेस : मायावती


लखनऊ। प्रवासी श्रमिकों के लिये बसों का संचालन की अनुमति को लेकर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच छिड़ी जुबानी जंग में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। मायावती ने केन्द्र के साथ साथ राज्यों की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस शासित सरकारों से अपील की है कि प्रवासी श्रमिकों की माली हालत और परेशानियों को ध्यान में रखते हुये उनके खानपान और सुरक्षित घर वापसी का इंतजाम करें।

 

उन्होने ट्वीट किया ‘‘ यदि कांग्रेस पार्टी के पास वास्तव में 1,000 बसें हैं तो उन्हें लखनऊ भेजने में कतई भी देरी नहीं करनी चाहिये, क्योंकि यहाँ भी श्रमिक प्रवासी लोग भारी संख्या में अपने घरों में जाने का काफी बेसबरी से इन्तजार कर रहें हैं। एक अन्य ट्वीट में उन्होने कहा ‘‘ केन्द्र सरकार से अपील है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति को खास ध्यान में रखकर तथा मानवता व इन्सानियत के नाते भी खुद अपने खर्च से श्रमिक प्रवासियों को बसों और ट्रेनों आदि से सुरक्षित भिजवाने के लिए जरूर सकारात्मक कदम उठाए।

 

इसके साथ ही, राज्यों की सरकारों से भी यह कहना है कि वे अपने-अपने राज्यों में श्रमिक प्रवासियों की खाने व ठहरने तथा उन्हें सरल प्रक्रिया के जÞरिये बसों व ट्रेनों आदि से भेजने की उचित व्यवस्था जरूर करें। ट्वीट के जवाब में एक बसपा समर्थक ने लिखा ‘‘ बहन मायावती ने अपने खर्चे पर मजदूरों के लिए ट्रेनों की व्यवस्था की है। पंजाब के लुधियाना से आज से चल रहीं दो ट्रेनों के किराए का पूरा खर्च बहन अदा किया है जिसकी जानकारी बीएसपी प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने ट्वीट कर दी।

 

उसने लिखा ‘‘बहुजनों की एकमात्र नेता बहनजी है। बसपा सिर्फ राजनीतिक रोटियां नहीं सेकती, अपने देश और समाज के लिए राजनीति से ऊपर उठकर सरकार को सुझाव और सहयोग की प्रतिक्रिया भी देती है। जो अच्छे विपक्ष का कर्त्तव्य है। गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी श्रमिकों के लिये एक हजार बसों के संचालन की अनुमति मांगी है जिसे स्वीकार करने को लेकर कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच पत्राचार जारी है।