मौत का इंतजार कर रही सेक्स वर्कर्स, कोरोना के डर से अब नहीं आता कोई कस्टमर


दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 25 लाख पहुंच गई है। साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी 1 लाख 71 हजार पहुंच गया है। बात अगर भारत की करें तो यहां संक्रमितों की संख्या 18 हजार 5 सौ को पार कर चुका है। साथ ही मौत का आंकड़ा 6 सौ के करीब जा चुका है। कोरोना को रोकने के  लॉकडाउन लगाया गया है। इस लॉकडाउन में लोगों की जिंदगी उलट दी है। गरीब लोगों के सामने मौत तांडव कर रहा है। इस संकट की घड़ी में रेड लाइट एरिया में रहने वाली महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। नई दिल्ली के रेड लाइट एरियाज की बात करें, तो जिस जीबी रोड में पहले रौनक रहा करती थी वहां अब सन्नाटा पसरा है। 


भारत की राजधानी नई दिल्ली में  कोरोना के कुल 2 हजार से अधिक मामले रजिस्टर किये गए हैं। इनमें से 45 की मौत हो गई है। दिल्ली के मशहूर जीबी रोड में 4 हजार से अधिक सेक्स वर्कर्स रहती हैं। तंग गलियों में बहुमंजिले मकान में रहने वाली इन महिलाओं के सामने अब लॉकडाउन में काफी मुश्किलें आ गई हैं। लॉकडाउन के कारण जीबी रोड अब वीरान हो गया है। यहां गलियों में अब कोई भी नजर नहीं आ रहा। यहां रहने  वाली एक सेक्स वर्कर ने बताया कि वो जीबी रोड में 30 साल पहले आई थी। उसके बाद से अब जाकर पहली बार उसके सामने भूखे मरने की नौबत आई है। 


कोरोना के कारण अब कोई भी कस्टमर वहां नहीं आ रहा है। इस कारण इन सेक्स वर्कर्स की कमाई पर ग्रहण लग गया है। इनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। घर का राशन खत्म है और दवाइयां भी। कस्टमर्स के ना आने से इनकी कमाई रुक गई है। इन सेक्स वर्कर्स ने सरकार से मदद मांगी है।  इन वर्कर्स का पूरा परिवार इनपर ही निर्भर करता है। ऐसे में पूरे परिवार पर संकट आ गया है। दिल्ली के कुछ एनजीओ इन सेक्स वर्कर्स की मदद के लिए सामने आए हैं। दिल्ली के सुन्ने फाउंडेशन ने इन सेक्स वर्कर्स के बीच 4 हजार केजी अनाज का वितरण किया है। इस एनजीओ ने इन वर्कर्स के बीच 2 हजार केजी आलू और प्याज और साबुन का वितरण किया। लेकिन अभी भी कई सेक्स वर्कर्स को किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है। सेक्स वर्कर्स का कहना है कि बाकी लोग उन्हें इज्जत से नहीं देखते। ना ही सरकार ने उनके लिए कोई इंतजाम किया है। ऐसे में इन्हीं गलियों में वो मौत का इन्तजार कर रहे हैं।