गैस की समस्या को दूर करता है पवनमुक्तासन, जानिए इसे करने का तरीका

पवनमुक्तासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम पीठ के बल शवासन की मुद्रा में लेट जाएं। अब धीरे धीरे घुटने को मोड़कर तलवे को ज़मीन पर टिकाएं। तत्पश्चात् दोनों हाथों से घुटने को ऊपर से पकड़ें और सांस लेते हुए पैर के घुटनों को सीने से लगाएं और 10−20 सेकेंड तक सांस रोक कर रखें।





कई बार व्यक्ति को पेट फूलना या गैस की समस्या उत्पन्न होती है। गलत खानपान व अत्यधिक तनाव के चलते कई बार गैस्टि्रक समस्याएं व्यक्ति को परेशान करती हैं। दरअसल, जब आंत के बैक्टीरिया भोजन को तोड़कर उसे ठीक तरह से पचाने में असमर्थ होते हैं, तभी यह गैस्टि्रक समस्याएं होती हैं। आमतौर पर, लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए दवाई का सेवन करते हैं, लेकिन इसके लिए योग का सहारा भी लिया जा सकता है। वैसे तो भोजन के बाद वज्रासन का अभ्यास पाचन में मददगार साबित होता है, लेकिन इसके अलावा गैस्टि्रक समस्याओं के इलाज के पवमुक्तासन का अभ्यास करना सर्वोत्तम माना जाता है। तो चलिए जानते हैं पवनमुक्तासन करने का तरीका और उससे होने वाले लाभ के बारे में−

 

करने का तरीका

पवनमुक्तासन का अभ्यास करने के लिए सर्वप्रथम पीठ के बल शवासन की मुद्रा में लेट जाएं। अब धीरे धीरे घुटने को मोड़कर तलवे को ज़मीन पर टिकाएं। तत्पश्चात् दोनों हाथों से घुटने को ऊपर से पकड़ें और सांस लेते हुए पैर के घुटनों को सीने से लगाएं और 10−20 सेकेंड तक सांस रोक कर रखें। इसके बाद आप घुटने को दोनों हाथों से मुक्त करें फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा करके सामान्य स्थित मिें लौट आएं. इस क्रिया को 4−5 बार दोहराएं। एक−एक करके दोनो पैरो से करें।