दाल-चावल खा जबड़े दुख रहे हैं, मुझे चिकन, मछली और तंदूरी दो: कोरोना संक्रमित सईद भोपाली की फरमाइश

"मेरा नाम सईद भोपाली है, मैं डेली मटन खाता हूँ। भाई शेर की औलाद हूँ। मैं ये खाना अब नहीं खाऊँगा, बीमार था तब तक खा लिया। अब मैं स्वस्थ हूँ। मुझे अब चाहिए चिकन-मुर्गा, मछली-तंदूरी।"



दाल-चावल खाकर मेरे जबड़े दुख रहे हैं। मैं ये सब नहीं खा सकता। अब मुझे चिकन-मुर्गा और मछली-तंदूरी चाहिए। यह माँग किसी हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्रा की नहीं, बल्कि कोरोना संक्रमित मरीज की है जो भोपाल के एक अस्पताल में भर्ती है।