देश में तेजी से बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार ने पूरे 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है। यह उमीद जताई है की 31 मार्च तक कोरोना के मामलों में कुछ कमी आएगी जिसके कारण अप्रैल में इसकी रोकथाम हो सकेगी। लेकिन यदि अगले महीने तक कंट्रोल नहीं हुआ तो फिर से सरकार खांसी, जुकाम के मरीजों की कोरोना जाँच शुरू करवाएगी ताकि पता चल सके और कितने लोगों में ये संक्रमण अभी तक फैला है। इस काम और तेजी से पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है की सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धी की जाएगी ताकि समय पर लोगों का इलाज किया जा सके।
निजी प्रयोगशाला को मंजूरी देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। देश में अभी सरकारी प्रयोगशालाओं में हर दिन दस हजार से ज्यादा नमूनों की जाँच की व्यवस्था है, लेकिन वास्तविक टेस्ट इसके अनुमान में काफी कम हो रहा है। एक जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीने में करीब 17 हजार टेस्ट हुए है,इस बीच केंद्र सरकार ने टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए 10 लाख अतिरिक्त कीट के लिए आर्डर जारी किये है।
हालांकि इस वाइरस की सबसे बड़ी चुनौती यह है की काफी लोगों में शुरूआत के दिनों में इसके संक्रमण के लक्षण नजर ही नहीं आते है। जबकि वे लोग ही बाकी लोगों से मिल कर इस महामारी को फैला रहे है। ऐसे मामलों के जाँच के लिए सरकार रैंडम सैंपलिंग का तरीका भी अजमा सकती है, ताकि इस प्रकार के मामलों का आकलन किया जा सके। इस लिए अब सरकार पूरी तरह से सजग हो कर इस पर काम कर रही है।