देश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी है- एन के जैन


ग्वालियर। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एन के जैन ने कहा है कि देश की जेलों में अभी भी क्षमता से अधिक कैदी हैं। जैन आज यहां केन्द्रीय जेल का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयोग इस बात को राज्य सरकारों से लेकर केन्द्र सरकार के सामने अपने प्रतिवेदन रख चुकी है। अब सरकारों को इस पर कार्रवाई करना चाहिये। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जेल में उन्हें लगभग सभी व्यवस्थाएं ठीक मिली।

 

वहीं कैदियों को भी खाना गुणवत्ता पूर्ण मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जेल में हाल ही हुई कैदी की मृत्यु को लेकर उन्होंने संज्ञान लिया है और कैदियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने बताया कि जेलों सहित अन्य मामले में 2013 से 2019 तक आयोग ने अपनी प्रतिवेदन रिपोर्ट को केन्द्र सरकार को सौंपा है। इसके लिए एक समिति भी बनाई है लेकिन सबसे बडी कमी वजट की है। राज्य सरकारों को भी जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को लेकर रणनीति बनानी चाहिये।

 

ज्यादा कैदियों की स्थिति में अलग से व्यवस्था करने जेल में ही और बैरक बनायें। उन्होंने बताया कि सिक्किम को छोड कर देश भर में अधिकतर जेलों में क्षमता से अधिक ही कैदी हैं। सिक्किम में तो थ्री स्टार रेटिंग की जेल हैं वहां पर सुविधाएं भी कैदियों को मिलती हैं। आयोग अध्यक्ष ने मानव अधिकार आयोग के नियमों में संशोधन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह काम संसद का है। वह तो अपनी रिकमंड को सरकार के पास भेज देते हैं। आयोग के अधिकारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आयोग को भी पूरे अधिकार हैं। इस अवसर पर आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी, ग्वालियर के आयोग के अध्यक्ष डॉ. सुभाष जैन, पूर्व अध्यक्ष यशपाल बैस, आयोग मित्र अंशुमान शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।