उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य की पुलिसिंग व्यवस्था के लिहाज से एक अहम फैसला लेते हुए राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्धनगर जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्ष से उत्तर प्रदेश में ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के लिये पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य की पुलिसिंग व्यवस्था के लिहाज से एक अहम फैसला लेते हुए राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्धनगर जिलों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 50 वर्ष से उत्तर प्रदेश में ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के लिये पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। अब मंत्रिमण्डल ने लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में यह प्रणाली लागू करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि काफी पहले से सोचा जा रहा था कि नगरीय आबादी के लिये यह प्रणाली लागू होनी चाहिये, मगर राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इसे नजरअंदाज किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि प्रदेश सरकार ने राज्य के इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि लखनऊ में 40 लाख लोग और गौतमबुद्धनगर में 25 लाख लोग रहते हैं और इन दोनों ही जगहों पर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त बनाये जाएंगे। साथ ही, पुलिस महानिरीक्षक रैंक के दो-दो अधिकारी संयुक्त आयुक्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस आयुक्त और उपायुक्तों की मदद के लिये लखनऊ में पुलिस अधीक्षक स्तर के नौ और नोएडा में पांच अधिकारी तैनात होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों के निपटारे के लिये पुलिस अधीक्षक स्तर की एक-एक महिला अधिकारी की भी तैनाती की जाएगी। साथ ही पुलिस अधीक्षक स्तर का एक अधिकारी यातायात प्रणाली के लिये भी तैनात होगा। योगी ने अन्य बड़े शहरों में भी आयुक्त प्रणाली लागू करने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर कहा, ‘‘प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिये जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे।’’