केंद्र सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. सरकार चाहती है कि किसान साहूकारों के जाल में फंसने की जगह बैंकों से सस्ते ब्याज दर पर लोन लेकर खेती करें.
नई दिल्ली. आम बजट में मोदी सरकार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर ब्याज मुक्त लोन का तोहफा दे सकती है. सरकार ने केसीसी पर लोन लेना पहले से आसान कर दिया है. इस पर किया गया बीजेपी का एक और वादा पूरा होता है तो 14.5 करोड़ किसान परिवारों के लिए बड़ी खुशी होगी. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपने संकल्प पत्र में इसका वादा किया था. इसके मुताबिक सरकार एक से पांच साल के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख का कृषि कर्ज देगी, लेकिन इसमें मूलराशि के समय पर भुगतान की शर्त होगी.
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का है, लेकिन अब तक इस लक्ष्य में कोई खास सफलता मिलती नहीं दिख रही है. इसलिए वो चाहती है कि किसान बैंकों से सस्ते ब्याज दर पर लोन लेकर खेती करें न कि साहूकारों के जाल में फंसकर आत्महत्या. इसलिए सरकार ने बैंकों से केसीसी बनवाने के लिए लगने वाली हर तरह की फीस खत्म करवा ली है.
गांवों में कैंप लगाने के निर्देश
केंद्र सरकार ने कहा है कि जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी गांवों में कैंप लगाने का कार्यक्रम बनाएगी, जबकि राज्य स्तरीय कमेटी इसकी निगरानी करेगी. इसमें सबसे बड़ी भूमिका जिलों के लीड बैंक मैनेजरों की तय की गई है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक अब बैंकों को आवेदन के 15 दिन में ही किसान क्रेडिट कार्ड बनाने को कहा गया है.
किसानों को मिलती है बड़ी छूट
ब्याज मुक्त केसीसी पर तो अभी फैसला होना बाकी है. फिलहाल खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता ब्याज केसीसी से ही मिलता है. सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है. कोई भी साहूकार इतने कम रेट पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता.
सरकारी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गांवों में जो कैंप लगाए जाएंगे, उनमें किसान से पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र , आधार कार्ड , जमीन का रिकॉर्ड और फोटो देनी होगी . इतने में ही बैंक को केसीसी बनाना पड़ेगा. देश में अभी मुश्किल से 7 करोड़ किसानों के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है.