उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी तक तमाम राज्यों में चुनाव प्रचार के समय ही ज्यादा नजर आते थे, लेकिन अब केन्द्र ने योगी को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) को लेकर यूपी सहित देशभर में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने की जिम्मेदारी भी सौंप दी है।
इसी तरह से 18 जनवरी को काशी, 19 जनवरी को गोरखपुर, 20 जनवरी को लखनऊ, 21 जनवरी को कानपुर, 22 जनवरी को मेरठ और 23 को आगरा के आयाजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच यूपी के कई इलाकों में हिंसा भी देखने को मिली थी। यूपी में तो अब माहौल शांत हो गया है लेकिन दिल्ली सहित कई राज्यों में अभी भी सीएए के विरोध में लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर कानून पारित होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन की आग को ठंडा करने के लिए गत दिनों अमित शाह ने इस अभियान के तहत दिल्ली के लाजपत नगर में घर-घर जाकर लोगों से सीएए कानून के फायदों को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने इस विषय पर साहित्य एवं लिखित सामग्री भी वितरित की थी। इस अभियान के तहत राजनाथ सिंह, जे पी नड्डा, नितिन गडकरी सहित पार्टी के नेता देश के अन्य हिस्सों में अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं सहित सांसदों-विधायकों के माध्यम से भी सीएए के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये घर-घर अभियान शुरू कर रखा है।
बात सीएए के प्रमुख बिन्दुओं की कि जाए तो इस कानून में देश के किसी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनेगी, बल्कि यह कानून नागरिकता देने का है। पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को आसानी से भारत की नागरिकता मिलेगी। नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने का पैमाना तय था।