सरकार यूरिया की कीमतों को डी-कंट्रोल (De-control) कर सकती है. यूरिया से सरकारी नियंत्रण खत्म कर सरकार किसानों को राहत देने के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी सिस्टम (Fertiliser Subsidy System) लागू कर सकती है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) यूरिया कीमतों से नियंत्रण हटाने की योजना बना रही है. अधिकारियों के मुताबिक, सरकार यूरिया की कीमतों को डी-कंट्रोल (De-control) कर सकती है. यूरिया से सरकारी नियंत्रण खत्म कर सरकार किसानों को राहत देने के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी सिस्टम (Fertiliser Subsidy System) लागू कर सकती है.
सरकारी नियंत्रण हटने के बाद यूरिया की कीमतें बढ़कर 400 से 445 रुपये प्रति बैग हो जाएगी. बता दें कि फिलहाल एक बोरी यूरिया की कीमत 242 रुपये है. अभी सब्सिडी की रकम फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चर्स को दी जाती है. पिछले साल सरकार ने फर्टिलाइजर सब्सिडी के तहत करीब 74 हजार करोड़ रुपये जारी किए है.
किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे यूरिया सब्सिडी के पैसे
CNBC TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार एलपीजी सब्सिडी की तर्ज़ पर फर्टिलाइजर सेक्टर (Fertilizer Sector) में भी सब्सिडी मॉडल को पुनर्जीवित करना चाहती है. इसके जरिए सरकार यूरिया की सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर करेगी.
अभी किसानों को बाजार में कम दाम यूरिया मिलता है. क्योंकि सरकार इस पर सब्सिडी देती है. अब सरकार यूरिया पर सब्सिडी खत्म कर, इसका सीधा फायदा किसानों को देना चाहती है. यानी सरकार सब्सिडी की रकम सीधे किसानों के खाते में जमा करेगी और किसान बाजार रेट पर यूरिया खरीद सकेंगे.
PM-Kisan बेनिफिशियर्स को होगा फायदारिपोर्ट के मुताबिक, फर्टिलाइजर मंत्रालय डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) के लिए पीएम किसान योजना के आंकड़ों का इस्तेमाल करेगा. पीएम किसान योजना में किसान की जमीन के साथ बैंक डिटेल्स भी सरकार के पास उपलब्ध है. पीएम किसान बेनिफिशियर्स को यूरिया सब्सिडी एडवांस में मिलेगी.