वो मुल्क जहां नौकरी से पहले लड़कियों का होता है वर्जिनिटी टेस्ट

इस देश (Indonesia) में अधिकतर लोग ऐसी महिला पुलिस (female police) पर यकीन नहीं कर पाते हैं जिसकी सेक्स लाइफ (sex life) एक्टिव होती है.



पूरी दुनिया में एक ओर महिला सशक्तिकरण की बात हो रही है तो दूसरी ओर बहुत से देश इस मामले में आदिम युग में जी रहे हैं. मिसाल के तौर पर इंडोनेशिया में महिलाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिए 'टू फिंगर टेस्ट' यानी 'वर्जिनिटी टेस्ट' देना पड़ता है. इस टेस्ट में वजाइना में दो उंगलियां डालकर देखा जाता है कि हाइमन टूटा है या नहीं है. हाइमन का न टूटना सेक्स न होने का सबूत माना जाता है. हाइमन वह झिल्ली है जो योनि के बाहरी प्रवेशद्वार को अधिकांशतः ढके रहती है. हालांकि कई मामलों में हाइमन सेक्स के अलावा एक्सरसाइज या एक्सिडेंट से भी टूट सकता है.


इंडोनेशिया की पुलिस के मुताबिक टेस्ट की जरूरत इसलिए है क्योंकि 'अच्छी लड़कियां' ही अच्छी पुलिस बन सकती हैं. उनके मुताबिक अच्छी लड़की वो है जिसने सेक्स नहीं किया. ये टेस्ट कई सालों से किया जा रहा है पर नियम कहीं लिखा नहीं है. ह्यूमन राइट्स संस्थाओं के दबाव की वजह से इंडोनेशिया में हालांकि इस टेस्ट पर रोक लगाई जा चुकी है लेकिन तब भी पुलिस में महिलाओं की भर्ती के लिए ये टेस्ट चल रहा है. Auckland University of Technology की एक स्टडी बीते साल ही प्रकाशित हुई, जिसके अनुसार यहां पर औरतों की पुलिस भर्ती में अब भी वजाइना और हाइमन टेस्ट अनिवार्य तौर पर किया जा रहा है.


ह्यूमन राइट्स वॉच संस्था के Andreas Harsono ने ऑस्ट्रेलियन मीडिया ABC को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया कि इंडोनेशिया में लोग ऐसी महिला पुलिस पर यकीन नहीं कर पाते हैं जिसकी सेक्स लाइफ एक्टिव होती है या फिर जो कभी सेक्स वर्क से जुड़ी रही हो. ये खबर न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी है.


अफ्रीका-


वर्जिनिटी टेस्ट, साउथ अफ्रीका के ज़ुलु कल्चर (Zulu) का हिस्सा है. इस कल्चर की फाउंडर नोमागूगू नैगोबसे ने कहा था कि ये टेस्ट हमारा पहला और सबसे प्रमुख धर्म है. यह हम स्वदेशी लोगों के पालन-पोषण के लिए केंद्र है. जब हम प्रार्थना के लिए पहाड़ों पर जाते हैं, और शुद्ध होते हैं तो देवताओं के साथ संवाद करना आसान होता है. हमारी वर्जिनिटी टेस्टर्स शादी के बाद भी जब इंस्पेक्शन पर निकलती हैं तो उन दौरान वे सेक्स से परहेज करती हैं. क्योंकि वे लड़कियों को अशुद्ध नहीं करना चाहतीं.


तुर्की-


दुनिया के इस कोने में वर्जिनिटी टेस्ट हिंसा के रूप में होता है. तुर्की की डॉक्टर और एंटी-वर्जिनिटी टेस्टिंग केंपेनर साहिका यकसल के मुताबिक, यहां वर्जिनिटी टेस्ट प्राइवेट टेस्ट नहीं हैं. ये टेस्ट परिवार के सम्मान के लिए एक परीक्षण है. क्योंकि एक औरत के लिए वर्जिनिटी कीमती संपत्ति की तरह है. जिसे उसे शादी करने के लिए संजो कर रखना है. साहिका कहती हैं, कुछ केस ऐसे भी हुए जिनमें लड़कियां परिवार की उम्मीद पर खरी नहीं उतरीं तो उन्हें सज़ा दी गई. कुछ गंभीर मामलों में लड़की का मर्डर भी हुआ.


भारत-


'टू फिंगर टेस्ट' हिंदुस्तान में रेप विक्टिम का हुआ करता था. रेप के बाद इस टेस्ट में देखा जाता था कि रेप पीड़िता सेक्सुअली एक्टिव है या नहीं. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने ये टेस्ट बैन कर दिया.


ईरान-


ईरान में राजनीतिक असहमति दर्ज कराने वालों के खिलाफ हिंसा के रूप में वर्जिनिटी टेस्ट किया गया. एमनेस्टी इंटरनेशनल रिपोर्ट्स के मुताबिक, बंदी बनाई गई कार्टूनिस्ट अटेना फरग़ादनी (Atena Farghadani)का वर्जिनिटी टेस्ट किया गया था, क्योंकि उसने अवैध यौन संबंध के खिलाफ मामला दर्ज किया था.


अफगानिस्तान-


वर्जिनिटी टेस्ट की प्रैक्टिस यहां भी व्यापक रूप में फैली है. ये एशिया के बहुत से हिस्सों में है. जिसमें अफ्रीका, मिडिल ईस्ट के देश भी शामिल हैं. अफगान के कल्चर में शादी से पहले लड़कियों की वर्जिनिटी को परिवार के सम्मान से जोड़ा जाता है.


मिस्र-


यहां भी 2011 में तहरीर स्कवेर (Tahrir Square) में प्रोटेस्ट के दौरान महिला प्रदर्शनकारियों को वर्जिनिटीत टेस्ट कराने के लिए मजबूर किया गया था.