PPP मॉडल पर डेवलप होंगे UP के सरकारी स्कूल, स्मार्ट क्लास में पढ़ेंगे बच्चे

UP में जल्द ही पीपीपी मॉडल (PPP model) पर सरकारी स्कूलों (government schools) का विकास किया जाएगा. बच्चे स्मार्ट क्लास (smart class) में पढ़ेंगे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) हासिल हो सकेगी. लखनऊ में हुए स्कूल-समिट (School Summit) में प्रदेशभर के बुद्धिजीवियों के साथ सरकार ने किया मंथन.



लखनऊ. प्रदेश के सरकारी स्कूलों (government schools) की दिशा और दशा सुधारने के लिए चला मंथन गुरुवार को समाप्त हो गया. दो दिन तक स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर प्रदेशभर से आए बुद्धिजीवियों ने अपनी-अपनी बातें रखीं. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए दो दिवसीय स्कूल समिट (School Summit) में सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षकों सहित अलग-अलग संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत किया. पीपीपी मॉडल (PPP model) पर किस तरह बेहतर शिक्षा दी जा सकती है, किस तरह सरकार की योजनाओं को निजी स्कूल भी लागू करें और सरकारी स्कूल स्मार्ट क्लासेज (smart class) के जरिए बच्चों को स्मार्ट बनाएं, इस पर जमकर चर्चा हुई. समिट के दौरान निजी संस्थाओं ने स्कूलों को गोद लेने की बातें भी कहीं.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कवायद
इस मौके पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि ये शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने का संदेश दूर तलक जाएगा. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सारी कोशिशें हुई हैं. उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के विद्यार्थियों को बिना किसी भेदभाव के नि:शुल्क एवं गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है. उन्होंने कहा कि हमारा नारा है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, तनावमुक्त विद्यार्थी, सुखी मन शिक्षक तथा नकल विहीन परीक्षा है. उन्होंने कहा कि इसी नारे को ध्यान में रखते हुए सरकार शिक्षा को लेकर फैसले कर रही है.

शिक्षकों और छात्रों पर दिखेगा प्रभाव


जिला विद्यालय निरीक्षक फिरोजाबाद से आईं रीतू गोयल, ज्वाइंट डायरेक्टर आगरा डिवीजन डॉ.मुकेश अग्रवाल, लखनऊ के शिक्षक आशुतोष मिश्रा, रंजना गुप्ता, गोरखपुर से आए शिक्षक आरएन भारती, झांसी के निजी स्कूल के प्राचार्य डॉ.राकेश सक्सेना आदि ने माना कि स्कूल समिट का प्रभाव छात्रों और शिक्षकों पर दिखेगा. इनलोगों ने कहा कि प्रदेश में ये पहला आयोजन था और निश्चित ही सरकार की योजनाओं और संस्थाओं द्वारा सहयोग का फायदा मिलेगा. सबने इस मंच पर खुलकर चर्चा की. इन लोगों ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर काम करते हुए स्कूल दिखेंगे. स्मार्ट क्लासेज में स्मार्ट बच्चे दिखेंगे और बेहतर शिक्षा देते हुए शिक्षक दिखेंगे.