NRC: बाराबंकी नगर पालिका प्रशासन ने शुरू की झुग्गी बस्ती में रहने वालों की पड़ताल

नगर पालिका अध्यक्ष शशि श्रीवास्तव के प्रतिनिधि पूर्व अध्यक्ष रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने बताया कि नगर पालिका की सीमा में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे लोगों के बारे में शक है कि वे बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं.



बाराबंकी. राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की व्यवस्था पूरे देश में लागू करने के तौर तरीकों पर केन्द्र सरकार ने अभी भले ही कोई ठोस फैसला न किया हो, लेकिन बाराबंकी नगर पालिका ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए शहर के आसपास अस्थायी झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों की नागरिकता की पड़ताल शुरू कर दी है.

नगर पालिका अध्यक्ष शशि श्रीवास्तव के प्रतिनिधि पूर्व अध्यक्ष रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि नगर पालिका की सीमा में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर अस्थाई रूप से रह रहे लोगों के बारे में शक है कि वे बांग्लादेशी या रोहिंग्या भी हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि नगर पालिका की एक टीम सर्वे कर जानकारी जुटा रही है कि इन झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे लोग आखिर कहां के मूल निवासी हैं, कितने सालों से यहां रह रहे हैं और काम क्या करते हैं. टीम इन बिंदुओं पर एक रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को भेजेगी.

उन्होंने कहा कि लगभग एक हफ्ते पहले ही चिन्हीकरण का काम शुरू कराया गया है. शहर का एक किनारा ऐसा है जहां करीब चार हजार लोग बाहर से आकर बस गए हैं. वे लोग खुद को असम का बता रहे हैं, लेकिन वहां का कोई स्थाई पता नहीं बता पा रहे हैं. यही बात संदेह का मुख्य आधार है. श्रीवास्तव ने कहा कि सर्वे पूरा होने के बाद नगर पालिका इसकी रिपोर्ट प्रशासन को देगी. उसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.