जापान की राजधानी तोक्यो के शिन्जुकु जिले में लोगों भी इस मुद्दे पर मार्च कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया। मियो इशिदा नामक प्रदर्शनकारी छात्रा ने कहा कि मैं संकट को महसूस करसकती हूं क्योंकि जापान में अधिकतर लोग जलवायु परिवर्तन में दिलचस्पी नहीं लेते।
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया समेत अलग-अलग देशों में जलवायु परिवर्तन को लेकर शुक्रवार को वैश्विक प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए। इस दौरान भारत और जापान में भी लोगों ने सड़कों पर उतरकर जलवायु परिवर्तन को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की। ऑस्ट्रेलियाई शहर सिडनी में जंगलों में आग के चलते फैले प्रदूषण के बाद अब भी हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। इन घटनाओं में छह लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
शुक्रवार को सैंकड़ों प्रदर्शनकारी कन्जरवेटिव लिबरल पार्टी के कार्यालयों के बाहर एकत्रित हुए और जलवायु परिवर्तन तथा प्रदूषण से निपटने के लिये कड़े कदम उठाने की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को निशाने पर लेते हुए कहा कि जलवायु संकट को लेकर हमारी सरकार की निष्क्रियता के चलते ही जंगलों में आग लगने की घटनाओं ने विकराल रूप धारण किया।
वहीं, दिल्ली में लगभग 50 स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने पर्यावरण मंत्रालय की ओर मार्च किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से जलवायु आपातकाल घोषित करने की मांग की। प्रदर्शन कर रही छात्रा सौम्या चौधरी (23) ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार इसपर ध्यान दे और इस मुद्दे पर लोगों से बात करे। जापान की राजधानी तोक्यो के शिन्जुकु जिले में लोगों भी इस मुद्दे पर मार्च कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया। मियो इशिदा नामक प्रदर्शनकारी छात्रा ने कहा, मैं संकट को महसूस कर सकती हूं क्योंकि जापान में अधिकतर लोग जलवायु परिवर्तन में दिलचस्पी नहीं लेते।