मुआवजा नहीं दे सकते तो वापस कर दो किसानो की जमीन : अखिलेश


लखनऊ। किसानो की बदहाली के लिये उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अगर किसानों की अधिगृहीत जमीन का मुआवजा नहीं दे सकती है तो उनकी जमींनें वापस कर देनी चाहिए। यादव ने गुरूवार को पार्टी दफ्तर में गोंडा से आए किसानों की व्यथा सुनने के बाद कहा कि गरीब किसान को पर्याप्त मुआवजा मिले तो वह दूसरी जगह जमींन खरीद सकता हैं, अपना घर बना सकता हैं। समाजवादी सरकार में किसानों से विकास कार्यों के लिए जमींन लेते समय चार गुना तक बढ़ाकर मुआवजा दिया गया। 302 किलोमीटर लम्बे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों को मुंहमांगा मुआवजा दिया गया। कोई आंदोलन नहीं हुआ।


उन्होने कहा कि भाजपा और समाजवादी सरकार के दृष्टिकोण में बुनियादी फर्क है। भाजपा की प्राथमिकता में किसान, गांव और खेती नहीं कारपोरेट घराने हैं। किसान के धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही है। बिचैलिए 1200 रूपये में धान खरीद रहे है। गन्ने का बकाया दाम नहीं मिला है। हर तरह से किसान का उत्पीड़न हो रहा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी सरकार ने सभी योजनाएं जनहित के लिए बनाई। छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जो अभी भी चल रहे हैं। महिलाओं को पेंशन दी। सपा की अगली सरकार में यह पेंशन राशि पांच सौ रूपए से और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। यादव ने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया है। इससे न कालाधन कम हुआ और नहीं आतंकवाद मिटा। दरअसल रूपया काला-सफेद नहीं होता है, उसका लेनदेन काला-सफेद होता है। इसी तरह भाजपा सरकार ने 100 नम्बर यूपी डायल का नम्बर बदल दिया उसे 112 कर दिया। यही उनका काम रहा है।