मिड-डे मील में बच्चों को अंडे मुहैया कराने की योजना का सच!



  • MoU से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार हुई बेनकाब

  • अक्षयपात्र फाउंडेशन को जिम्मा जो अंडे उपलब्ध नहीं कराती


मिड-डे मील में स्कूली बच्चों को पोषण के लिए अंडे मुहैया कराने के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार की प्रस्तावित योजना में झोल नजर आया है. कुपोषित बच्चों को प्रोटीन की पूर्ति के लिए अंडे देने संबंधी योजना की बात सरकार के मंत्रियों की ओर से कई बार कही जा चुकी है. अब इसका औपचारिक ऐलान होने जा रहा है.


मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अक्षयपात्र फाउंडेशन के साथ सहमति पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए जिसके तहत भोपाल और मंडीदीप क्षेत्रों में किचन से मिड-डे मील की आपूर्ति की जानी थी.


अंडों की आपूर्ति नहीं करता अक्षयपात्र


बता दें कि अक्षयपात्र फाउंडेशन स्वतंत्र रूप से चलाई जाने वाली संस्था के रूप में इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) की पहल है, लेकिन ये फाउंडेशन सिर्फ शाकाहारी डाइट ही मुहैया कराती है और अंडों की आपूर्ति नहीं करती.


पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में अक्षयपात्र फाउंडेशन कई क्षेत्रों में सेंट्रलाइज्ड किचन से मिड-डे मील उपलब्ध करा रही है. लेकिन फाउंडेशन ने स्कूलों में मिड-डे मील में अंडे उपलब्ध कराने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को मानने से स्पष्ट तौर पर इनकार कर दिया.


फाउंडेशन ने यहां तक कह दिया कि वो हाथ पीछे खींच लेगी. इसलिए अब छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार उन स्कूलों में फोकस कर रही है जहां अक्षयपात्र मिड-डे मील उपलब्ध नहीं करा रही. छत्तीसगढ़ सरकार से जुड़े टॉप सूत्र ने इंडिया टुडे को ये जानकारी दी.


'89 आदिवासी ब्लॉकों में शुरू होगी योजना'



 


वहीं, मध्य प्रदेश में महिला और कल्याण मंत्री इमरती देवी ने इंडिया टुडे को बताया कि स्कूली बच्चों को अंडे मिड-डे मील में देने की योजना शुरुआत में 89 आदिवासी ब्लॉकों में शुरू की जाएगी. इस पर 500 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च आएगा.


इमरती देवी ने कहा, 'अंडा प्रोटीन का बड़ा अच्छा स्रोत है और जो नहीं खाना चाहते उन पर खाने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता.'


अक्षयपात्र से एमओयू लागू होने के मायने हैं कि भोपाल और मंडीदीप क्षेत्रों में कुपोषित बच्चों को मिड-डे मील में अंडे उपलब्ध नहीं कराए जा सकेंगे. अक्षयपात्र से जुड़े एक सूत्र ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ  MoU की पुष्टि करते वक्त बताया- 'सीधी बात है कि हम अंडों की आपूर्ति नहीं करते और सरकार इसे जानती है.'


विपक्षी पार्टी बीजेपी ने स्कूलों में मिड-डे मील में अंडे उपलब्ध कराने के कदम का विरोध किया था. हालांकि राज्य सरकार ने साफ किया था कि किसी पर भी अंडा खाने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा.