दिल्ली हाईकोर्ट ने FIR की भाषा पर जताई नाराज़गी, कहा- उर्दू और फारसी बंद करें

दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने 20 नवंबर को एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि एफआईआर (FIR) लिखते समय हल्के और साधारण शब्दों का इस्तेमाल किया जाए.



नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एफआईआर (FIR) की भाषा को लेकर नाराजगी जताई है. साथ ही पुलिस को हिदायत दी है कि वो आसान भाषा में एफआईआर दर्ज करे न कि उर्दू और फारसी में. हाईकोर्ट के मुताबिक भारी भरकम शब्दों के इस्तेमाल से हर किसी को डिक्शनरी (Dictionary) का इस्तेमाल करना पड़ता है.

आसान शब्दों में हो FIR
हाई कोर्ट में मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने में उर्दू और फारसी के उन शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए जो बिना सोचे समझे इस्तेमाल किए जा रहे हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस को एफआईआर दर्ज करने में साधारण भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि एक आम आदमी भी उसे पढ़कर समझ सके.

दिल्ली पुलिस ने जारी किया सर्कुलर


हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने 20 नवंबर को एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि एफआईआर लिखते समय हल्के और साधारण शब्दों का इस्तेमाल किया जाए. उर्दू और फारसी शब्दों के इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है.

FIR की सौ कॉपी देने का आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर किसी भी केस का सबसे अहम दस्तावेज़ होता है. ऐसे में जरूरी है कि वो उसी भाषा में हो जिसमें शिकायत लिखाई गई हो. हाईकोर्ट ने कमिश्नर को अगली सुनवाई के दौरान 10 अलग-अलग थानों के 100 एफआईआर की कॉपी भी पेश करने को कहा गया है, जिससे ये पता लगाया जा सके कि क्या सर्कुलर को पुलिसकर्मी फॉलो कर रहे हैं या नहीं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने 383 उर्दू और फारसी शब्दों की हिंदी और अंग्रेजी ट्रासलेशन भी देने को कहा है.


कौन है याचिकाकर्ता?
बता दें कि विशालक्षी गोयल ने दिल्ली हाईकोर्ट में इसको लेकर पेटिशन दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली पुलिस शब्दों का सही मतलब जाने बिना उसका इस्तेमाल करती है. साथ ही इसे समझना मुश्किल होता है.