देवेंद्र फडणवीस का साथ छोड़ते हुए अजित पवार ने कही थी ये बात

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अगर महाराष्ट्र (Maharashtra) में तुरंत फ्लोर टेस्ट का आदेश नहीं देता, तो विधायकों की खरीद-फरोख्त यानी हॉर्स ट्रेडिंग की गुंजाइश बढ़ सकती थी. इसलिए संसदीय और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए शीर्ष अदालत ने ये आदेश दिया. ओपन बैलेट के आदेश से बीजेपी की रणनीति एकदम से बदल गई.



मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में मंगलवार को बड़े नाटकीय घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने बहुमत परीक्षण (Floor Test) से पहले ही इस्तीफा दे दिया. बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ मिलकर शनिवार (23 नवंबर) को ही सुबह 8 बजे सरकार बनाई थी, लेकिन ये सरकार 80 घंटे भी नहीं चल पाई. मंगलवार को पहले अजित पवार के इस्तीफे की खबर आई, फिर फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि शनिवार को चुपके-चुपके और जल्दबाजी में सीएम-डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच ऐसी क्या बात हुई, जिससे बीजेपी को मैदान छोड़ना पड़ा.

सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने अजित पवार के भरोसे पर शनिवार को सरकार बनाई थी. ये भरोसा अजित पवार द्वारा राज्यपाल बीएस कोश्यारी को दिखाए गए उस लेटर पर टिका था, जिसमें एनसीपी विधायकों के समर्थन की बात लिखी थी और सभी के हस्ताक्षर थे. ऐसे में बीजेपी को पूरा भरोसा था कि बहुमत परीक्षण के वक्त उन्हें एनसीपी के सभी 54 विधायकों का वोट मिलेगा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जैसे ही 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट कराने और इस पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलिकास्ट कराने का आदेश दिया, तो बीजेपी का दांव उलटा पड़ गया.


यही नहीं, शीर्ष अदालत ने बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) सीक्रेट बैलेट से नहीं, बल्कि ओपन बैलेट से कराने को कहा है. इससे बीजेपी की रणनीति पर भी असर पड़ा. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी को ऐसी उम्मीद थी कि अजित पवार को समर्थन करने वाले एनसीपी नेता सीक्रेट बैलट में बीजेपी के पक्ष में जरूर वोट डालेंगे. ओपन बैलेट से ऐसा नहीं हो सकता था.


सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट के फैसले के बाद अजित पवार सीधे देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे. दोनों के बीच फ्लोर टेस्ट को लेकर करीब एक से डेढ़ घंटे तक बात हुई. सूत्रों का कहना है कि इसके बाद अजित पवार ने ये कहते हुए बीजेपी से पल्ला झाड़ लिया कि ओपन बैलेट की स्थिति में फ्लोर टेस्ट पास करना किसी भी सूरत में मुमकिन नहीं है.