कवि सम्मेलन के मंच पर पहुंचकर बंदर ने मचाया उत्पात, कवयित्री से की 'छेड़छाड़'


हालांकि बंदर के उत्पात और महिला कवयित्री से 'छेड़छाड़' को देखकर वहां मौजूद लोग ठहाके मारकर हसंने लगे.


फर्रुखाबाद. शहर के पांचाल घाट पर नमामि गंगे कार्यक्रम  में आयोजित काव्य गोष्ठी में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब वहां अचानक एक बंदर घुस आया. बंदर के उत्पात मचाने के चलते मुख्यतिथि भी सकते में आ गए. इतना ही नहीं छोटा बंदर मंच पर मौजूद कवयित्री के पास पहुंच गया और उनसे छेड़छाड़ करने लगा. लोगों ने उसे भगाने का प्रयास किया तो इससे बंदर और आक्रोश में आ गया. हमलावर बंदर से बचने के लिए कवि इधर-उधर भागने लगे.

हालांकि बंदर के उत्पात और महिला कवयित्री से 'छेड़छाड़' को देखकर वहां मौजूद लोग ठहाके मारकर हसंने लगे. इसके बाद मौके पर पहुंचे एनसीसी कैडेट्स ने बंदर को पुचकारते हुए कार्यक्रम स्थल से बाहर ले गए. यह छोटा बंदर लगभग आधे घंटे तक कार्यक्रम में मौजूद रहा और जमकर उत्पात मचाया.

बन्दर ने लोगों को खूब हंसाया

दरअसल, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत बुधवार देर शाम को पांचाल घाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें गंगा एक्सपीडिशन की 18 सदस्यीयी टीम पहुंची थी. कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी डॉ राजेंद्र पैंसिया, भोजपुर विधायक नागेंद्र सिंह समेत आलाधिकारी मौजूद थे. अभियान टीम के सदस्यों के स्वागत समारोह के बाद काव्य गोष्ठी का कार्यक्रम चल रहा था. इसी बीच अचानक एक बंदर ने आकर स्टेज पर धावा बोल दिया. कार्यक्रम में मौजूद दर्शक कवियों की कविताओं में खोए हुए थे. मगर, बंदर का स्टेज पर उत्पात देख सभी हंसते हुए लोटपोट हो गए.



कवयित्री अर्चना सिंह को किया परेशान

काव्य पाठ कर रहीं अर्चना सिंह ने बंदर को भगाने का प्रयास किया तो वह गुस्से में आकर उनके पीछे पड़ गया. तो उन्हें बंदर से बचने के लिए स्टेज छोड़कर भागना पड़ा. करीब आधे घंटे तक चले उत्पात में कई लोगों ने बंदर को भगाने का प्रयास किया. लेकिन उस बंदर के आगे किसी की नहीं चली. हालांकि सीडीओ डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कार्यक्रम में मौजूद क्षेत्रीय वन अधिकारी को बंदर को पकड़ने को कहा. मगर, बंदर का उत्पात देख किसी की भी हिम्मत उसे काबू करने की नहीं हो पा रही थी. बाद में एनसीसी कैडेट्स आये और बंदर को अपने साथ ले गए. जिसके बाद कार्यक्रम सुचारू रूप से आगे बढ़या जा सका. गनीमत रही कि भीड़भाड़ के बीच बंदर ने किसी को काटा नहीं.