बिजली मंत्री ने माना 13 हज़ार करोड़ का बकाया सरकारी विभागों पर


राज्य मुख्यालय लखनऊ। यूपी की योगी सरकार जहाँ एक तरफ़ महँगी बिजली देने के आरोपों से घिरी है क्योंकि पास के राज्य दिल्ली में सस्ती बिजली मिल रही है। वहाँ की जनता केजरीवाल सरकार के फ़ैसलों की तारीफ़ करती हैं। वही यूपी की योगी सरकार बिजली सहित सभी विषयों पर फ़ेल बतायी जा रही है। आम जनता को बकाया भुगतान नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है लेकिन नेताओं और अफ़सरों पर करोड़ों बकाया होने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।


उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य में नेताओं और सरकारी अधिकारियों का रेकॉर्ड बिजली बिल भरने में बेहतर नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बिजली बिल का बकाया है। श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार(29 अक्टूबर) को जारी एक बयान में कहा, 'इसे ध्यान में रखते हुए नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है।उन्होंने कहा, 'एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं।जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे। सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी।ऊर्जा मंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बिजली बिल का बकाया है।



इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है।उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है। अब तक 68 थाने खुल चुके हैं।इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन उठाएगा। इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं। इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली चोरी रोकना है।