खेत जोतने के लिए नहीं मिले मजदूर तो किसान ने निकाला ये ‘जुगाड़’


हैदराबाद: तेलंगाना के एक किसान को अपना खेत जोतने के लिए मजदूरों की जरूरत थी. समस्या ये थी कि मजदूरी देने के लिए पैसे नहीं थे. उसने इस समस्या से निपटने का तरीका निकाला और पुरानी साइकिल से हल बना दिया.


32 साल के बोलम मुथय्या नालगोंडा जिले के चारला गौराराम गांव में रहते हैं. गांव की आबादी तकरीबन 2 हजार है. गांव में जब भी किसी को खेतों में बुवाई करनी होती है तो वो खेत जोतने के लिए मजदूरों की मदद लेते हैं. मुथय्या के सामने मुश्किल ये थी कि उनके पास मजदूरी देने के पैसे नहीं थे.




मुथय्या का कहना है 'मेरे पास चार एकड़ खेत हैं. एक एकड़ में मैं कपास बोता हूं. उसके लिए खेत को कम से कम तीन बार जोतना पड़ता है जिसका खर्च 6 हजार रुपए आता है. मेरे पास जुताई करने के लिए मशीन नहीं है इसलिए मजदूर बुलाने पड़ते हैं.'



इतनी रकम खर्च करने में अक्षम मुथय्या ने अपनी एक पुरानी साइकिल उठाई. उसके आगे के पहिये और हैंडल में रस्सी और लकड़ी जोड़ी. लकड़ी में लोहे की तेज धार वाली प्लेट लगाई और उसे टायर के पीछे रखा.


अगली समस्या ये थी कि मुथय्या के पास हल खींचने के लिए जानवर नहीं थे. इस काम में मुथय्या की मदद के लिए उनकी पत्नी रेणुका आगे आईं और उन्होंने हल खींचा. रस्सी पकड़कर रेणुका हल खींच रही थीं, मुथय्या हैंडल पकड़कर उसे आगे धकेलते हैं.


मुथय्या का ये प्रयोग इतना सफल हो गया कि गांव के लोग उन्हें बधाई देने और उनसे सलाह लेने आने लगे. मुथय्या का कहना है कि 'हम जिन लोगों को खेत जोतने के लिए बुलाते हैं वो समय पर नहीं आते, हमें इंतजार करना पड़ता है. इसलिए हमने ये तरीका निकाला जिससे थोड़ा पैसा भी बचता है.'