रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों के हित में राहत भरा फैसला दिया है। अब एटीएम पर अनवैलिड ट्रांजेक्शन को फ्री-ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा।
आरबीआई ने पाया कि अभी तक ऐसा हो रहा था। बैंकों द्वारा ग्राहकों को एटीएम से पैसा निकालने पर महीने में पांच निशुल्क ट्रांजेक्शन की सुविधा दी जाती है।
लेकिन कई बार तकनीकी कारणों से कोई ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है। इस फेल ट्रांजेक्शन को भी अभी तक फ्री ट्रांजेक्शन में जोड़ा जा रहा था
लेकिन अब आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि इन फेल ट्रांजेक्शन को वैलिड नहीं माना जाएगा। इस संबंध में मुख्य महाप्रबंधक पी वासुदेवन ने बुधवार को सर्कुलर जारी किया है।
अब इसके बाद बैंक गैर-नकद निकासी लेनदेन जैसे बैलेंस पूछताछ, चेक बुक रिक्वेस्ट, मिनी स्टेटमेंट, पिन चेंज आदि के ट्रांजेक्शन अनवैलिड होने पर उसे फ्री में काउंट नहीं कर सकते।
RBI ने ये 5 बातें स्पष्ट कीं
1) RBI ने 14 अगस्त को एक परिपत्र में स्पष्ट किया कि हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर खराब होने जैसे तकनीकी कारणों के कारण फेल होने वाले लेनदेन को ग्राहक के लिए मान्य एटीएम लेनदेन के रूप में नहीं गिना जाएगा।
2) एटीएम में करेंसी नोटों की अनुपलब्धता जैसे फेल एटीएम ट्रांजेक्शन को भी ग्राहक के लिए वैध एटीएम ट्रांजेक्शन नहीं माना जाएगा।
3) अमान्य पिन / सत्यापन आदि, जिसके परिणामस्वरूप असफल एटीएम ट्रांजेक्शन होते हैं, उन्हें भी मान्य एटीएम ट्रांजेक्शन के रूप में नहीं गिना जाएगा।
4) RBI ने कहा कि बैंक इन कारणों से असफल एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहकों से शुल्क नहीं ले सकते। आरबीआई ने कहा, "यह हमारे ध्यान में आया है कि ट्रांजेक्शन जो तकनीकी कारणों से विफल हो गए हैं, एटीएम में मुद्रा की अनुपलब्धता, आदि भी शामिल हैं, मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन की संख्या में भी शामिल हैं।"
5) आरबीआई ने कहा, एटीएम में गैर-नकद निकासी ट्रांजेक्शन जैसे कि बैलेंस इंक्वायरी, चेक बुक अनुरोध, करों का भुगतान, धन हस्तांतरण भी मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन की संख्या का हिस्सा नहीं होगा
वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया नियमित बचत बैंक खाताधारकों को 8 मुफ्त ट्रांजेक्शन प्रदान करता है, जिसमें एसबीआई एटीएम में पांच लेनदेन और अन्य बैंक एटीएम में तीन लेनदेन शामिल हैं। गैर-महानगरों में, ऐसे खाताधारकों को 10 मुफ्त ट्रांजेक्शन मिलते हैं, जिनमें एसबीआई के एटीएम में पांच और अन्य में पांच शामिल हैं।