सिधौली ब्लाक: विकास के लिए कारगर- नए प्रधानों का नया जोश, पुरानों का पुराना अनुभव - Part 3

सीतापुर: सिंधौली ब्लाक में अधिकतर नए प्रधान चुनकर आए हैं। कुछ पुराने भी जीतकर आए हैं। हमसे साक्षात्कार के दौरान लगभग सभी प्रधानों ने अपनी प्राथमिकताएं और पंचायत की समस्याएं हमें बताईं। प्रस्तुत है - 

अलमापुर के प्रधान रवीन्द्र कुमार को जनता ने दोबारा मौका दिया है, क्योंकि उन्होंने बहुत विकास कार्य करवाया था, सारे विकास कार्य इसी प्रकार चलते रहेंगे ऐसा कहना है रविन्द्र कुमार का। इसके अलावा पानी की टंकी का प्रयास है, ट्रांसफार्मर की लाइन नहीं शुरू की गई है जबकि तीन चार साल पहले ही तार भी खिंच गए थे। पंचायत वासियों की सबसे बड़ी समस्या राशन वितरण व्यवस्था भी है, कोटेदार गालियां देता है, और किसी किसी-किसी को राशन नहीं देता हैं।

किरतापुर के युवा प्रधान कमलेन्द्र रावत की प्राथमिकता स्कूल सुधार के साथ पंचायत के सभी विकास कार्य कराने की हैं। पंचायत वासियों के अनुसार पिछले दस साल में पंचायत में कोई विकास कार्य नहीं हुए। कमलेन्द्र रावत का कहना है कि वे इस विकास कार्य करवाने का प्रयास करेंगें।

अलादादपुर में शीला देवी प्रधान चुनी गई हैं, उनके पति अभिषेक कुमार २०१०-१५ के बीच प्रधान रहे हैं।कई विकास कार्य शुरू हुए हैं काफी कार्य करवाने भी है। लेकिन अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकार प्रधानों को न पर्याप्त अधिकार दे रही है और न नरेगा मजदूरों का समय पर पैसा दे रही है, ग्राम प्रधान कहां तक लोगों को अपनी जेब से पैसा दे, जबकि सभी प्रमुख त्योहार सिर पर हैं। प्रधान ने कहा कि कार्य बहुत कराए जा सकते है लेकिन सरकार पेमेंन्ट समय पर करती रहे।

सिंहपुर रोहित सिंह प्रथम बार प्रधान बने हैं। लेकिन थोड़ा लीक से हटकर प्रधान हैं। उनकी प्राथमिकता अलग है, वें शिक्षा सुधार और लोगों के चरित्र सुधार की ओर विशेष ध्यान देना चाहते है। लोगों की आपसी विवाद और नशे आदि की बुराइयों से दूर करना चाहते है। वे ज्यादातर कार्य ऐसी जगह करना चाहते हैं जहां वर्षों से विवाद रहा हो ताकि समझा बुझा कर लोग फिर झगड़े में न पड़ें। वे भारतीय किसान यूनियन ( लोकतांत्रिक) के जिलाध्यक्ष भी हैं

काशीपुर के प्रधान रधुवीर यादव ने प्रधान बनने के बाद जनता को १७ आवास दिलाए है, पंचायत घर और सामुदायिक शौचालय पूरा करवाया है। कई सारे काम बाकी है जो वे करवाने के प्रयास में हैं। पंचायत में सफाई कर्मी का पद रिक्त है, नए सफाई कर्मी को लाने का प्रयास किया जा रहा है।

गढ़ीरावां के प्रधान सैयद अली पहली बार प्रधान चुने गए हैं। पंचायत भवन सामुदायिक शौचालय आदि बनवा रहे है। उन्होंने बताया कि सफाईकर्मी नियमित नहीं आता, एतराज करने पर ट्रांसफर करा लेने की धमकी देता है। पंचायत वासियों के मुताबिक कुछ साल पहले रास्तों पर इंटरलाकिंग आरसीसी रोड को बनता दिखाया गया है, पैसा भी निकल गया लेकिन जगह पर काम नहीं कराया गया, ऐसे ही नाला निर्माण में हुआ, कागज पर है पर जमीन पर नहीं। २०० से करीब लोगों को आवास देना बाकि है, पंचायत वासियों ने बताया कि पिछले प्रधान ने बाहरियों को आवास दिए लेकिन मौजूदा और पात्र निवासियों को नहीं दिए।

अहमदपुर जट में मो. अमान पहली बार प्रधान चुने गए हैं, वे और उनके पिता मो. असलम क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। प्रधान ने बताया कि सरकारी भवन आदि ठीक है, पर जल निकासी से संबंधित समस्या हैं। सड़कें ऊंची होने से नीचे के रास्तों में जलभराव हो जाता है।मो. असलम और मो. अमान ने बताया कि सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

गढ़िया हसनपुर में अजमल अंसारी पहली बार प्रधान चुने गए हैं। सीधे सरल व्यक्ति हैं ‌पंचायत से जुड़े तमाम जटिल कार्यों में अजमल अंसारी का सहयोग खुर्शीद खान कर रहे हैं। प्राथमिकता में खुर्शीद खान ने कहा कि वे सबसे पहले वे पंचायत के प्रमुख तालाब को आजाद कराना चाहते हैं क्योंकि तालाब में मछली पालन और उसमें डाले जाते रसायन आदि से लोगों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा सामुदायिक शौचालय ऐसी जगह है जहां पानी का निकास नही है,  जिसकी वजह से उसका शुरू हो पाना मुमकिन नहीं। पंचायत वासियों ने बताया कि पिछले कई सालों से पंचायत में कोई विकास कार्य नहीं हुए। अजमल अंसारी और खुर्शीद खान ने कहा कि सभी विकास कार्य पूरे कराएं जाएंगे।

दक्खिनावां की नवनिर्वाचित प्रधान पुष्पा देवी और उनके पति अनूप कुमार बाजपेई ने बड़े संघर्षों के बाद प्रधान पद हासिल किया है। पूरा परिवार बड़ा सरल और नेक दिल है। अनूप कुमार बाजपेई ने बताया कि पूरी पंचायत में तमाम विकास कार्य बाकी हैं, और बहुत से लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, उन्होंने बताया कि सभी कार्यों को पूरी गंभीरता से पूरा किया जाएगा। पंचायत घर जर्जर है, उनके प्रयासों से नया आने वाला है, आंगनबाड़ी भवन आदि सरकारी भवन नहीं है उन्हें भी बनवाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधान ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत बहुत लोगों को निजी शौचालय नहीं मिल सके किन्हीं कारणों से बहुतों का पैसा भी वापस हो गया, अब नए सिरे से सूची बनाई जा रही हैं। ताकि पात्रों को लाभ मिल सके। आवासों की भी नई सूची बन रही है।

मुरहाडीह पंचायत में परशुराम प्रधान लगातार दोबारा चुने गए हैं। अच्छे और संतुष्टि पूर्ण कार्य किए थे इसलिए जनता ने फिर उन्हें चुना हैं। परशुराम ने बताया कि सारे अधूरे कार्य पूरे किए जाएंगे, तेजी से विकास होगा। ध्वस्त पड़ा पंचायत घर आदि भी बनवाया जाएगा।

बाड़ी के प्रधान हाजी जलीस अंसारी पहली बार प्रधान चुने गए है, बाड़ी पंचायत बहुत बड़ी पंचायत हैं। हाजी जलीस अंसारी की प्रथमिकता क्षेत्र को गंदगी मुक्त करवाने की हैं। प्रधान बनते ही उन्होंने अपने खर्च से लेबर आदि के जरिए बाड़ी से टनों कचरा निकलवाया हैं। आवास दिलाने के साथ सैकड़ों लोगों को निजी शौचालय दिलाने का भी प्रयास करेंगें शिक्षा और स्वास्थ्य भी जलीस अंसारी की प्रथमिकता में हैं। इस के अलावा पिछले सालों में जो भी विकास बाड़ी में नहीं पहुंचे, वे सभी विकास जलीस अंसारी लाने का प्रयास करेंगें। उनका कहना है कि पंचायत की जनता उनसे निराश नहीं होंगी।

झखरावां की शिखादेवी और उनके पति यशवंत कुमार की सबसे बड़ी समस्या पंचायत सचिव का असहयोग भरा रवैया है, पूरी पंचायत में विकास कार्य अधूरे है लेकिन सचिव की वजह से काम नहीं हो पा रहा है। यशवंत कुमार ने कहा कि कोई सुनवाई नही हो रही हैं।
जजौर की प्रधान विमला दीक्षित हैं। लोगों के हर कार्य समय पर करवाना उनकी प्राथमिकता है।उनके पति विनोद दीक्षित क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। २०१० -१५ के बीच प्रधान रहे हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता है। पहले तमाम प्रयासों से वे अपने यहां सरकारी इंटर कालेज लेकर आए थे अब वे उसकी बाउंड्री करवा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जो भी कार्य दिख रहे हैं वे उन्हीं के पहले वाली कार्यकाल में करवाएं गए हैं। विनोद दीक्षित ने बताया कि पंचायत में जो भी विकास या योजना नहीं है उसे जल्दी से जल्दी लाया जाएगा।
रनवापारा की प्रधान विनोदनी पांडे और उनके पति विनोद पांडे अपने क्षेत्र में सभी विकास कराना चाहते है उसी के प्रयास में हैं। विद्यालय में दिव्यांग शौचालय बनवाया है, पंचायत घर को सौंदर्यीकरण और बिजली सप्लाई करवाई हैं। नल रिबोर करवा रहे हैं।
अकोहरा के इशरत भी अपनी प्रधान पत्नी का सहयोग कर रहे हैं। अकोहरा के सभी ओर बिना किसी भेद भाव के विकास के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं।
टड़ईकला की प्रधान मीना और पति जलील का दौर फिर लौटा है। जलील पहले भी दस साल प्रधान रहे है, पंचायत भवन का काम चल रहा है। सामुदायिक शौचालय पूरा हो रहा है साथ ही अन्य योजनाओं पर कार्य किया जा रहा हैं।
टड़ई खुर्द के प्रधान शिव कुमार यादव का कहना है कि प्रधानी फिर मिले ना मिले पर पंचायत को पूर्णतः सुधार देना है। रास्तों, नाली खड़ंजों आदि के साथ पंचायत में सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे खाली करवाने हैं। राशन वितरण की समस्या है जिसे दूर करवाने का प्रयास है।
नीलगांव के प्रधान कमलेन्द्र कुमार को प्रधानी विरासत में मिली है, उनके पिता २०१०-१५ के बीच प्रधान थे। कमलेन्द्र ने बताया कि गांव में सभी के विकास पर उनका फोकस हैं।
गोधना पंचायत के सिराजुद्दीन एक बार फिर एक कार्यकाल छोड़कर प्रधान पति चुने गए इस। वे अपनी पंचायत में सभी तरह के विकास कार्य करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
खरवलिया की प्रधान मीना चौधरी ने कायाकल्प योजना से इंटरलाकिंग आदि कार्य की शुरुआत की हैं। उनके पति सुरेश चौधरी पहले भी प्रधान रहे हैं। नाली खड़ंजे आदि का सुधार उनकी प्राथमिकता में हैं।

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