महाभारत के युद्ध में मैदान में आ जाता ये योद्धा, तो मारे जाते सभी कौरव-पांडव


महाभारत  महान ग्रथों में से एक है और इसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था और 5 पांडव कौरवों की सेना से जीत गए थे। उनकी जीत का पूरा श्रेय भगवान श्री कृष्ण को जाता है। महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले ही श्रीकृष्‍ण भली भांति जानते थे कि उन्‍हें किस पक्ष का साथ देना है। वे नहीं चाहते थे कि अन्याय का साथ निभाने वाले कौरव जीत जाएं। इसीलिए उन्‍होने इस युद्ध को रणनीति के साथ आरंभ किया। वे इस युद्ध को पल भर में खत्म कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ये युद्ध हमेशा के लिए अमर हो गया।


इस योद्धा को युद्ध मैदान से बाहर रखा- महाभारत के युद्ध में यदि एक व्यक्ति को उतार दिया जाता तो ये युद्ध कबका ही समाप्त हो जाता।जी हां, वो योद्धा कोई और नहीं भीम के पुत्र घटोत्‍कच के पुत्र बार्बरिक थे। वे यदि युद्ध में उतरते तो कौरवों के साथ साथ पांडवों का भी सफाया हो जाता इसलिए उन्हें युद्ध से दूर ही रखा गया।


बार्बरिक को प्राप्‍त था विशेष वरदान- बर्बरीक बहुत ही शक्तिशाली और पराक्रमी योद्धा था। उसने भगवान शिव की आराधना कर के उनसे वरदान माँगा था और शिव ने उन्हें 3 दिव्य बाण दिए थे। बर्बरीक को अग्निदेव से एक दिव्‍य धनुष प्राप्‍त किया था। बर्बरीक के ये बाण अजेय थे, इनसे कोई नहीं जीत सकता था। उन्होंने ये कला अपनी माता से सीखी थी।


उनकी मां को उनकी ताकत का अंदाजा था इसलिए उनकी मां नहीं चाहती थी कि उनके बल का गलत प्रयोग हो। तब माता को बर्बरीक ने अपनी मां को वचन दिया था कि वो युद्ध में केवल उसी पक्ष से लड़ाई करेंगे जिसका पक्ष कमजोर हो। तब श्री कृष्ण ने उनका सिर दान में मांग लिया और उसे ऐसी जगह रखा जहाँ से वे पूरा युद्ध देख सकें। भगवान श्रीकृष्‍ण ये भलिभांति जानते थे कि बर्बरीक इस युद्ध पर क्षणों में विजय प्राप्‍त कर सकता है। क्योकिं उसने ये युद्ध कमजोर पक्ष की ओर से लड़ने का वचन अपनी माँ को दिया था इसलिए वह कौरवों की तरफ से ही लड़ता।


इसके बाद श्री कृष्ण ने बर्बरीक से उनके तीनों बाणों का राज जानना चाहा। तब बर्बरीक ने उन्‍हें बताया कि उनके तीन बाण तीन तरह से काम करते हैं। पहला बाण उन पर निशान लगाता है जिन्‍हें मैं खत्‍म करना चाहता हूं, दूसरा बाण उन पर निशान लगाता है जिन्‍हें मैं बचाना चाहता हूं। तीसरा पहले बाण के द्वारा लगाए गए निशानों को खत्म कर देता है और इसके बाद ये बाण वापस लौट आते हैं। महाभारत की जब रणनीति तैयार हो रही थी तो श्रीकृष्‍ण ने पांडवो और दसूरे सभी योद्धाओं से पूछा कि ये युद्ध कितने दिन चलेगा। इस पर भीष्म ने जवाब दिया कि बीस दिन, द्रोणार्चाय ने पच्चीस, कर्ण ने चौबीस और अर्जुन ने अट्ठाईस दिनों में युद्ध को अकेले खत्म कर सकते हैं। यही सवाल श्रीकृष्ण ने बर्बरीक से पूछा तो उनका जवा था कि वह एक ही क्षण में युद्ध खत्म कर सकते हैं। इस बात से श्री कृष्ण को उसकी ताकत का अंदाजा हो गया था।