नए नागरिकता कानून के तहत लखीमपुर खीरी में रह रहे बांग्लादेशी भाइयों ने मांगी 'भारतीय नागरिकता'


खीरु और मोतीचंद नाम के दो भाइयों ने भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) के लिए लखीमपुर डीएम शैलेंद्र सिंह (Lakhimpur DM Shailendra Singh) के माध्यम से शासन को पत्र भेजा है. news 18 से बातचीत में उन्होंने बताया इनके पिता धनपत मल्लाह 12 जुलाई सन 1971 में बांग्लादेश से भारत आए थे तभी से वह निघासन तहसील के कामता नगर गांव में रह रहे थे.


लखीमपुर खीरी. नया नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) आने के बाद जनपद लखीमपुर (Lakhimpur District) में लंबे समय से निवास कर रहे दो बांग्लादेशी शरणार्थियों (Bangladeshi refugees) ने भारतीय नागरिकता (Indian citizenship) के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से आवेदन किया है. रिश्ते में दोनों बांग्लादेशी शरणार्थी भाई हैं. इनका कहना है कि इनके पिता 1971 में भारत आए थे और इन दोनों भाइयों का जन्म जनपद के निघासन इलाके में हुआ था.

दोनों का जन्म खीरी जनपद में हुआ
पूरा मामला लखीमपुर खीरी जनपद के निघासन तहसील का है, जहां के कामतानगर गांव के रहने वाले खीरू और मोतीचंद नाम के दो भाइयों ने भारतीय नागरिकता के लिए लखीमपुर जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह के माध्यम से शासन को पत्र भेजा है. news18 से बातचीत में उन्होंने बताया इनके पिता धनपत मल्लाह 12 जुलाई सन 1971 में बांग्लादेश से भारत आए थे, तभी से वह निघासन तहसील के कामता नगर गांव में रह रहे थे. इन दोनों भाइयों का जन्म लखीमपुर खीरी की निघासन तहसील में ही हुआ है. उन्होंने बताया कि कुछ समय पूर्व उनके पिता की मौत हो चुकी है. अब बीजेपी नया नागरिकता संशोधन बिल लाई है. जिसके आने के बाद उन्होंने 18 दिसंबर 2019 को सरकार को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भेजा है.


लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि नागरिकता संशोधन बिल के आने के बाद जनपद में शरणार्थी की हैसियत से रह रहे दो भाइयों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है. इस मामले में शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है कानूनी प्रक्रिया में अगर यह लोग सही पाए जाते हैं तो इनको भारतीय नागरिकता जल्दी मिल जाएगी. फिलहाल ये दोनों भाई अपने परिवारों के साथ निघासन में निवास कर रहे हैं.