बाराबंकी शौचालय में चल रही है रसोई, डीएम ने कही जांच की बात

बाराबंकी में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्‍वच्‍छ भारत अभियान (Clean India Mission) के तहत इस शौचालय (Toilet) का निर्माण कराया गया था. मौजूदा समय में इस शौचालय का इस्‍तेमाल रसोई (Kitchen) के तौर पर किया जा रहा है.



बाराबंकी (Barabanki) : स्वच्छ भारत मिशन  के ज्यादातर लाभार्थियों  द्वारा शौचालय (Toilet) बनवाने के बाद इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. अभी तक प्रदेश भर से कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कहीं इनमें दुकान (Shop) खोल ली गई है, तो कई कंडे, लकड़ियां रखी हुई है. इसी तरह से बाराबंकी में एक नया और हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत शासन से 12 हजार रुपए लेकर बनाए शौचालय का उपयोग एक परिवार रसोई (Kitchen) के रूप में कर रहा है.

शौचालय में खाना बनाने का यह मामला बाराबंकी के देवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अकनपुर गांव का है. दरअसल, इस गांव में पहुंची न्‍यूज की टीम की नजर एक शौचालय पर पड़ी. इस शौचालय से धुंआ निकल रहा था. न्‍यूज की टीम ने जब शौचालय में जाकर देखा तो वहां खाना बन रहा था. इसको लेकर जब इस परिवार से कारण पूछा गया तो उनका कहना था कि हमें अभी तक आवास नहीं मिला है. जिसके चलते झोपड़ी में हम अपनी जीवन काट रहे हैं. मजबूरी में हम शौचालय का इस्‍तेमाल रसोई के तौर पर कर रहे हैं.

ओडीएफ घोषित हो चुका है यह गांव


उल्‍लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा इस गांव को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. प्रशासन का दावा है कि इस गांव के सभी घरों में स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण करा दिया गया है. अब गांव का कोई भी निवासी घुले में शौच के लिए नहीं जा रहा है. हालांकि यह बात दीगर है कि प्रशासन के दावों के उलट इस गांव में अभी भी बहुत से लोग हैं जो सरकार से मिले शौचायल का इस्‍तेमाल किसी अन्‍य कार्यों के लिए कर रहे है और वे आज भी खुले में शौच कर रहे हैं. ऐसे में गांव की यह हालत प्रशासन पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

परिवार ने ग्राम प्रधान पर लगाया आरोप
इस घर में रहने वाल राम प्रकाश ने बताया कि वह शौचालय को शौच के लिये इस्तेमाल नहीं करते, क्योंकि हमारे पास घर की कोई व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में हमने शौचालय को रसोईघर बना दिया. उन्होंने बताया कि प्रधान से कई बार कॉलोनी के लिये कहा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. वहीं, इस गांव के रहने वाले प्रमोद का कहना है कि गांव में कई शौचालयों का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है. प्रधान ने शौचालय बनवाना का ठेका लिया था, लेकिन वह नहीं बनवा रहे हैं. इसी वजह से ग्रामीण शौच के लिये बाहर जा रहे हैं.डीएम ने कहा- संज्ञान में नहीं है मामला
वहीं इस मामले पर बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है. इसके अलावा जिसका नाम भी पात्रता सूची में दर्ज होता है, उसे पीएम आवास दिया जाता है. इसके अलावा जो भी लोग सूची से छूटे हुए हैं और पात्र हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आच्छादित किया जाना है. डीएम ने कहा कि मामले की जांच कराने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा अगर वह पात्र होंगे तो उन्हें आवास दिलवाया जाएगा.