उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस भेजा है. उन्होंने 24 घंटे के भीतर उनसे माफी की मांग की है. मंत्री ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. 2600 करोड़ के ईपीएफ घोटाले में अजय कुमार लल्लू ने श्रीकांत शर्मा पर कथित रूप से आरोप लगाए हैं.
- श्रीकांत शर्मा की सफाई, धन हस्तांतरण में भूमिका नहीं
- लल्लू ने झूठा करार दिया, इनके काल में जमा हुए पैसे
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' को मानहानि का नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत ने यह नोटिस लल्लू द्वारा सार्वजिनक रूप से उनके खिलाफ दिए गए झूठे, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानों को लेकर दिया है.
श्रीकांत शर्मा ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को हुए धन हस्तांतरण में कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई. वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए.
ऊर्जा मंत्री की सफाई
उन्होंने आगे कहा कि भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं रही है. डीएचएफएल को धन हस्तांतरण करने का निर्णय उनके कार्यकाल का नहीं बल्कि पूर्व सरकार के समय का है.
ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि वह भविष्य में अपनी वाणी को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था.