संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एवं अन्य की डिग्री वाले शिक्षकों की भी होगी जांच


फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी पाने वाले 54 शिक्षकों के बर्खास्त किये जाने के बाद अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ,साहित्य सम्मेलन एवं इससे संबद्ध कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त कर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की विशेष जांच टीम ने सूची मांगी है। सूत्रों के अनुसार फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले 54 अध्यापकों को हाल ही में बर्खास्त किया जा चुका है। अब विशेष अनुसंधान दल की अपर पुलिस अधीक्षक अमृता मिश्रा ने बीएसए और डायट प्राचार्य को पत्र लिखकर वर्ष 2014  में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने वाले चयनित शिक्षकों की सत्यापित सूची एवं शैक्षिक विवरण मांगा है। 


शासन के कड़े रुख के कारण प्रदेश में शिक्षक फर्जीवाड़े को लेकर चल रहीं जांच में तेजी आ गई है। जिले में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षक बनने वालों की संख्या 50 से अधिक बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान इनमें से जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र कूटरचित सिद्ध होंगे उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। एसआईटी ने चयनित शिक्षकों के नाम, पिता का नाम, पता, चयनित परीक्षा का नाम व तिथि, संस्कृत विवि की डिग्री के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सत्यापन रिपोर्ट तथा पूर्व में जांच के दौरान की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच फिर से शुरू होने के कारण शिक्षकों की बैचेनी बढ़ गयी है। एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से जारी पूर्व मध्यमा, उच्चतर मध्यमा, शास्त्री तथा बीएड के समकक्ष शिक्षाशास्त्री की डिग्री भी शामिल हैं।