शिवसेना को उम्मीद है कि एनसीपी-कांग्रेस उनके साथ आएगी और सरकार बन जाएगी. लेकिन पिछले 24 घंटे में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ऐसे दो बयान दिए हैं, जिनसे शिवसेना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
- एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान से हलचल तेज
- 'जिन्हें सरकार बनानी है उनसे पूछो सवाल'
- सोमवार को भी दिया था अलग बयान
महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे आए अब करीब एक महीना हो गया है लेकिन सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक उठापटक जारी है. शिवसेना को उम्मीद है कि एनसीपी-कांग्रेस उनके साथ आएगी और सरकार बन जाएगी. लेकिन पिछले 24 घंटे में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ऐसे दो बयान दिए हैं, जिनसे शिवसेना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. शरद पवार लगातार कह रहे हैं कि अभी महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है.
आज क्या कहा?
मंगलवार को जब शरद पवार संसद भवन पहुंचे तो मीडिया ने उनसे महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सवाल दागा. इस पर शरद पवार ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया और कहा कि मुझसे ये सवाल मत पूछो, जिनको सरकार बनानी है उनसे सवाल पूछो.
कल क्या कहा था?
सोमवार को जब शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने पहुंचे तो उम्मीद थी कि महाराष्ट्र में सरकार गठन पर छाए काले बादल अब छंट जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने कहा कि इस बैठक में सरकार गठन पर कोई चर्चा नहीं हुई है.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने साथ में चुनाव लड़ा था, इसलिए दोनों पार्टी के नेता आगे की रणनीति पर बात कर रहे हैं. लेकिन सरकार को लेकर पवार ने कहा था कि हमारे पास 6 महीने का समय है.
'पवार को समझना आसान नहीं'
शरद पवार के इस बयान पर जब शिवसेना के संजय राउत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि शरद पवार को समझने में कई जन्म लग जाएंगे. शिवसेना नेता बोले कि शरद पवार की अगुवाई में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें महाराष्ट्र के किसानों के मसले पर बात होगी. वहीं राउत ने दावा किया कि हम दिसंबर के पहले हफ्ते में सरकार बना लेंगे.
टल गई एनसीपी-कांग्रेस की बैठक
सोनिया गांधी और शरद पवार की बैठक में तय हुआ था कि दोनों पार्टी के नेता साथ में बैठकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. ये बैठक मंगलवार को दिल्ली में ही होनी थी, लेकिन मंगलवार दोपहर तक बैठक टल गई. दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज जयंती है इसलिए कांग्रेस नेता वहां पर व्यस्त हैं, इसी वजह से बैठक को टाल दिया गया.