गौतम गंभीर हुए लापता, लगे पोस्टर, लिखा - आखिरी बार इंदौर में जलेबी खाते दिखे थे


दिल्ली। पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के बाद से लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। रविवार को दिल्ली में गौतम गंभीर के लापता होने के पोस्टर लगाए गए। इन पोस्टरों पर लिखा था क्या आपने इन्हें कहीं देखा है? आखिरी बार इंदौर में जलेबी खाते ही देखा गया था। पूरी दिल्ली इन्हें ढूंढ रही है।

 

पोस्टर में गौतम गंभीर के फोटो के ऊपर लापता लिखा गया है और उसके नीचे उनकी आखिरी लोकेशन का भी जिक्र किया गया है। पोस्टर में लिखा है कि “लापता (गौतम गंभीर की तस्वीर) क्या आपने इन्हें कहीं देखा है? आखिरी बार इंदौर में जलेबी खाते हुए देखा था। पूरी दिल्ली इन्हें ढूंढ रही है।” माना जा रहा है कि यह पोस्टर आम आदमी पार्टी के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा है।

 

बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण पर चर्चा के लिए  शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद आम आदमी पार्टी ने उनकी एक तस्वीर को ट्वीट करके निशाना सादा था। तस्वीर में गौतम गंभीर अपने साथी कमेंटेटर वीवीएस लक्ष्मण के साथ जलेबी और पोहा खाते हुए दिखा दे रहे थे, जिसे लेकर आप ने तंज कसा था।

 

आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार दोपहर ट्वीट में कहा कि “संसदीय कमेटी की बैठक में एजेंडा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण था, जिसके बारे में एक हफ्ते पहले ही जानकारी दे दी गई थी। लेकिन, इस बैठक में गौतम गंभीर गायब रहे। क्या प्रदूषण को लेकर गंभीरता कमेंट्री बॉक्स तक ही सीमित है? हालांकि, आप के आरोपों पर गौतम गंभीर ने भी बयान जारी कर पलटवार किया था।

 

गंभीर ने कहा था कि “मेरी वाणिज्यिक व्यस्तताओं को मुद्दा बनाकर वह अपने नेताओं की अक्षमता के छिपा रहे हैं और राजनीतिक लालच को साध रहे हैं। यह सबसे दुखद चीजें हैं। जो पार्टी, ईमानदारी के साथ लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है, वह ही ऐसा कर रही है।” उन्होंने कहा “मुझे मेरे संसदीय क्षेत्र, शहर और देश के लोगों पर पूरा भरोसा है कि वह मुझे मेरे काम के आधार पर परखेंगे।”

 

दिल्ली में दिवाली के बाद से ही प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इसका समाधान करने का निर्देश दिया है। प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार, कई प्राधिकरणों और जनप्रतिनिधियों की बैठक 15 नवम्बर को होनी थी। बैठक के पैनल में गंभीर समेत 29 सदस्यों को नामित किया गया था, जबकि केवल 4 सदस्य ही बैठक में पहुंचे। दिल्ली के तीन नगर निगमों के आयुक्त भी नहीं पहुंचे। इसके बाद बैठक टाल दी गई। आप ने इस अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला बताया था।