बर्खास्त विधायक प्रहलाद लोधी को भले ही हाईकोर्ट से राहत मिल गई हो लेकिन अब भी उनकी सदस्यता बहाल नही हो पाई है।हाल ही में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात के बावजूद अब तक इसका हल नही निकल पाया है। वही अधर में अटकी बहाली को लेकर अब प्रदेश में जमकर सियासत हो रही है।बीजेपी-कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे है।
कमलनाथ सरकार में जनसम्पर्क पीसी शर्मा का कहना है कि प्रहलाध लोधी में एक मामला तो यह है कि बीजेपी की राज में उन्होंने जो उत्पात किये है और उस पर ही कोर्ट ने निर्णय दिया है ।राज्यपाल से जब भी विधानसभा अध्यक्ष की बात होगी तो यह चर्चा की जाएगी ।लेकिन इस मामले में कुछ कहने को ही नही। वही उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में लॉ ऑफीसर सचिवालय बनेगा।रिटायर्ड जज की सचिवालय में नियुक्ति होगी।प्रहलाद लोधी मामले में आई कानूनी पेचीदेगी के बाद यह सरकार ने निर्णय लिया गया है। लॉ ऑफीसर के रूप में रिटायर्ड जज की नियुक्ति की जाएगी। कानूनी जानकर होगा तो काम करने और निर्णय लेने में आसानी होगी। वही पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के मन मे चोर है। ये न्याय का मखोल उड़ाया जा रहा। अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को निष्पक्ष होना चाहिए।