प्रदेश में 53,608 ग्राम पंचायतों के खातों का संचालन ठप हो गया है। केन्द्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने इन खातों के संचालन पर रोक लगायी है। यह कार्रवाई पंचायतों में आनलाइन भुगतान के लिए पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) लागू न करने की वजह से की गयी है। केन्द्र सरकार ने बीती 15 अगस्त से देश भर की ग्राम पंचायतों में पीएफएमएस अनिवार्य कर दिया है। इससे इन खातों का संचालन ठप हो गया है। इससे प्रधानमंत्री की फिट इंडिया की घोषणा के तहत सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकें करके फिटनेस के लिए जन जागरुकता फैलाने के निर्देश का पालन नहीं हो सका, क्योंकि ग्राम पंचायतों के खातों के संचालन पर रोक लगी होने से ग्राम सभाओं की बैठकें नहीं हो पायीं।
राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा के अनुसार खातों का संचालन ठप होने की वजह से ग्राम सभाओं के जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं। संगठन ने हाल ही में पंचायती राज निदेशक को एक पत्र भी लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि पीएफएमएस को लागू करने के लिए ग्राम प्रधान व पंचायत सचिवों के साथ पंचायतों के काम कराने वाले वेंडरों व ठेकेदारों के डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य किये गये हैं। मगर इनमें से अधिकांश लोग कम्प्यूटर का संचालन ही नहीं जानते। यही नहीं अधिकांश पंचायतों में कम्प्यूटर ही नहीं हैं। जहां हैं भी वहां बिजली आपूर्ति और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है।
नहीं हुई भर्ती :संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा ने बताया कि सभी जिलों की पंचायतों में क्लस्टर स्तर पर कम्प्यूटर खरीदने और कम्प्यूटर आपरेटर सहित अन्य कार्मिकों की तैनाती के लिए 9000 रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा हुई थी। शासनादेश भी जारी हुआ था पर आज तक यह भर्तियां नहीं हुईं। न ही कम्प्यूटर खरीदे गये। इससे भी पीएफएमएस लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है। फैसला केंद्र सरकार का : निदेशक पंचायती राज निदेशक ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि प्रदेश में इस वक्त कुल 58,808 ग्राम पंचायतों में से 5200 में पीएफएमएस लागू कर दिया गया है। जिन पंचायतों में पीएफएमएस लागू नहीं हो सका है, उनके खातों के संचालन पर रोक लगाने का फैसला प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि केन्द्र सरकार का है।