लखनऊ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार खो चुके दौर को वापस लाने की तैयारी में है। सरकार ने पुरातत्व विभाग से 1857 के के दौरान राज्य में मौजूद मंदिरों की एक सूची तैयार करने को कहा है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने संस्कृ प्रथम स्वतंत्रता संग्रामति विभाग के अधिकारियों से अगले दो महीनों के भीतर प्रत्येक जिले की विरासत का दस्तावेजीकरण करने को कहा है। पारंपरिक मेलों, और स्वतंत्रता संग्राम व स्वतंत्रता-सेनानियों से जुड़ी जगहों की सूची भी तैयार की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार उस दौर के मंदिरों और पारंपरिक मेलों को पुनर्जीवित करने की इच्छुक है, जो एक क्षेत्र या जिले की खास पहचान थे। संस्कृति विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'स्थलों के खोए हुए गौरव को फिर से लौटाने और ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचें। ये आयोजन प्रमुख पर्यटक आकर्षणों के रूप में उभर सकते हैं।'
उन्होेंने कहा कि उदाहरण के लिए, बड़ा मंगल उत्सव केवल लखनऊ में आयोजित किया जाता है और इस आयोजन में सरकारी सहायता प्रदान करके हम पर्यटकों को भी आकर्षित कर सकते हैं। कई पुराने मंदिर खंडहर बने पड़े हैं। उन्होंने कहा, 'हमने जिला स्तर पर अधिकारियों को ऐसे मंदिरों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है और हम उन्हें पुनर्निर्मित करेंगे और उनकी रौनक लौटाएंगे।'
राज्य खजुराहो और कोणार्क में होने वाले कार्यक्रमों की तर्ज पर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के शास्त्रीय संगीत और नृत्य उत्सव की मेजबानी करने के लिए भी तैयार है। संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) की अध्यक्ष पूर्णिमा पांडे की अगुवाई में एक समिति को इस परियोजना के लिए काम शुरू करने के लिए कहा गया है। इनमें से कुछ कार्यक्रमों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा।