तारीफ करनी होगी हमारे प्रधानमंत्री की, हमारे विदेश मंत्री की, हमारे अधिकारियों की, जिन्होंने व्यापार, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, नई वैश्विक चुनौतियों आदि पर तो दुनिया के समक्ष देश का पक्ष तो प्रभावी तरीके से रखा ही साथ ही उभरते भारत की शक्ति से दुनिया को रूबरू कराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अमेरिका दौरा जबरदस्त रूप से सफल रहा। ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम से भारत की सफलता का जो डंका बजना शुरू हुआ था वह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिये ऐतिहासिक भाषण तक जारी रहा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक महाधिवेशन में शामिल तो लगभग 200 के आसपास देश हुए लेकिन सबसे ज्यादा अगर कोई देश चर्चा में रहा तो वह भारत था। तारीफ करनी होगी हमारे प्रधानमंत्री की, हमारे विदेश मंत्री की, हमारे अधिकारियों की, जिन्होंने व्यापार, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, नई वैश्विक चुनौतियों आदि पर तो दुनिया के समक्ष देश का पक्ष तो प्रभावी तरीके से रखा ही साथ ही उभरते भारत की शक्ति से दुनिया को रूबरू कराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन की रैली और संयुक्त राष्ट्र के अपने संबोधन में पाकिस्तान की धज्जियाँ उड़ा दीं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने के बारे में पाकिस्तान की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए उसके चेहरे पर से नकाब हटाने में, पाकिस्तान को दुनिया भर में अलग-थलग करने में प्रधानमंत्री बेहद सफल रहे। यही कारण है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूरी अमेरिका यात्रा के दौरान निराश नजर आये, कहीं से कोई मदद नहीं मिली, किसी देश ने उनका पुराना रोना नहीं सुना। क्या आपने इससे पहले कभी सुना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से पहले ही कह दिया हो कि इससे कुछ फायदा होने वाला नहीं है। क्या आपने इससे पहले कभी सुना है कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के किसी फोरम पर किसी प्रस्ताव को लाने के लिए न्यूनतम समर्थन भी नहीं मिला हो। क्या आपने कभी सुना है कि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री के साथ कोई संयुक्त सभा की हो और उस जनसभा में 50 हजार से ज्यादा लोग जुटे हों, क्या आपने कभी सुना है कि किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री को फादर ऑफ इंडिया और रॉक स्टार एल्विस प्रिस्ले बताया हो, क्या आपने कभी इससे पहले सुना है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री के भाषण को सुनने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के आ गये हों और पूरा भाषण सुना हो। इतिहास गवाह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने पाकिस्तान की इतनी धज्जियाँ कोई नहीं उड़ा पाया जितना मोदी ने अपनी ह्यूस्टन रैली में कर दिखाया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर की कंपनियों को भारत में निवेश के लिये आमंत्रित करते हुये कहा कि उनकी सरकार ने कॉरपोरेट कर की दर में कटौती करके उनके लिये सुनहरा अवसर सृजित किया है। उन्होंने देश में कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए और उपाय करने का भी वादा किया। मोदी ने ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम को संबांधित करते हुये कहा कि भारत ने देश में निवेश के लिए सुनहरे अवसर की पेशकश की है। प्रधानमंत्री ने दुनिया को बताया कि भारत तेजी से अपने शहरों का आधुनिकीकरण कर रहा है और उन्हें नवीन तकनीकी और नागरिक अनुकूल आधारभूत संरचना से लैस कर रहा है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मूल मंत्र के तहत प्रशांत द्वीपसमूह के देशों को सौर, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु संबंधी परियोजनाओं के लिए उनकी जरूरत के आधार पर 15 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता का ऐलान भी किया। भारत-प्रशांत द्वीपसमूह के विकासशील देशों के नेताओं के साथ बैठक में मोदी ने PSIDS के सदस्य देशों को विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल एक करोड़ 20 लाख डॉलर आवंटित किए जाने की भी घोषणा की। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने PSIDS के नेताओं से बहुपक्षीय मुलाकात की है। इस बैठक में फिजी, किरिबाती गणराज्य, मार्शल आइलैंड, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, नोरू गणराज्य, पलाऊ गणराज्य, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड, टोंगा, तुवालु और वनुआतु के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर सोमवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान मार्क्वेज और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद समेत कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। कतर के अमीर ने योग को वैश्विक स्तर पर और लोकप्रिय बनाने में मोदी के प्रयासों का भी उल्लेख किया। मोदी ने इसके अलावा इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंते, नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मदू इसूफू, नामीबिया के राष्ट्रपति हेज गिंगोब, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट से भी मुलाकात की। मोदी ने यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोर से भी मुलाकात की और भारत में बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के संबंध में उनकी सरकार के उठाए कदमों को रेखांकित किया।